UP News: यूपी के यातायात निदेशालय में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आईटी सेल के सिस्टम में सेंधमारी कर 116 गाड़ियों के चालान अवैध रूप से डिलीट या कोर्ट से रिलीज़ किए गए। इस घटना से विभाग में हड़कंप मच गया है, और एक संदिग्ध आरक्षी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
UP News: उत्तर प्रदेश के यातायात निदेशालय के आईटी सेल में एक बड़े साइबर अपराध का खुलासा हुआ है। आईटी सेल की जिम्मेदारी ट्रैफिक चालानों की निगरानी और प्रबंधन की होती है। लेकिन इस बार विभागीय सिस्टम का दुरुपयोग करके 116 गाड़ियों के चालान अनधिकृत रूप से डिलीट और कोर्ट से रिलीज़ किए गए। इस मामले में प्रमुख आरोपी एक आरक्षी है, जो पहले इसी सेल में तैनात था और अब निलंबित है।
आईटी सेल के प्रभारी आनंद कुमार ने बताया कि यह घटना तब सामने आई जब उन्होंने ट्रैफिक सिस्टम के रिकॉर्ड में अनियमितताओं को देखा। एनआईसी से प्राप्त डेटा से पता चला कि निदेशालय की यूजर आईडी का गलत इस्तेमाल किया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सुशांत गोल्फ सिटी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
जांच के दौरान, यह सामने आया कि आरक्षी अजय शर्मा, जो आईटी सेल में कार्यरत था, ने उच्चाधिकारियों की अनुमति के बिना चालान डिलीट किए। इस कृत्य को विभागीय नियमों और नैतिकता का उल्लंघन माना गया है। अधिकारियों का मानना है कि यह काम भ्रष्टाचार और संदिग्ध गतिविधियों का हिस्सा हो सकता है।
116 गाड़ियों के चालान डिलीट होने से सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है। इन चालानों पर कितनी राशि का जुर्माना लगा था, इसकी जांच अभी जारी है। इंस्पेक्टर सुशांत गोल्फ सिटी के अनुसार, विभाग अब यह पता लगाने में जुटा है कि कितना राजस्व इससे प्रभावित हुआ।
क्या है आगे की योजना?
ट्रैफिक निदेशालय ने इस घटना के बाद अपनी आईटी सुरक्षा को मजबूत करने का फैसला किया है। सभी यूजर आईडी और पासवर्ड को अपडेट करने के साथ-साथ अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू किए जा रहे हैं। साथ ही, आईटी सेल के कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा के प्रति अधिक सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।