9 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर अब अखिलेश यादव अकेले चुनावी मैदान में उतरेंगे। 5 सीटों की मांग कर रही कांग्रेस की झोली में एक भी सीट नहीं आया है, अब किसी भी सीट पर उनका प्रत्याशी खड़ा नहीं हो रहा है।
उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीति गरमाती जा रही है। पांच सीटों की मांग करने वाली कांग्रेस पार्टी को अखिलेश यादव ने झटका दे दिया है। इन सबके बीच अखिलेश यादव लोगों के बीच ये संदेश भी दे रहे हैं कि इंडिया गठबंधन में सबकुछ ठीक है। ऐसे ही एक मामले में अखिलेश यादव कांग्रेस की तारीफों के पुल बांधते दिखे। ये कहना गलत नहीं होगा कि ऐसा करके उन्होंने बड़ा सियासी खेल खेला है।
यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होना है। अखिलेश यादव ने बुधवार देर रात एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि सभी 9 सीटों पर गठबंधन के उम्मीदवार सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे। सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए अखिलेश यादव ने उपचुनाव को लेकर अपनी तरफ से उम्मीदवार खड़े करने को लेकर ऐलान किया। सपा के इस फैसले को अहम माना जा रहा है, क्योंकि सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और सपा में लंबे समय से खींचतान देखी जा रही थी।
दरअसल, यूपी की 10 सीटों पर उपचुनाव होना है। इसमें मैनपुरी की करहल, कानपुर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मिर्जापुर की मझवां, अयोध्या की मिल्कीपुर, गाजियाबाद सदर, अलीगढ़ की खैर, मुजफ्फरनगर की मीरापुर और मुरादाबाद की कुंदरकी शामिल हैं। अयोध्या की मिल्कीपुर सीट को छोड़कर सभी 9 सीटों पर उपचुनाव होना है।
ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस को पहले से अहसास था कि सपा ने जो सीटें उसे दी हैं उसपर जीतना काफी मुश्किल है। अगर ऐसे में कांग्रेस सपा के निशान पर चुनाव लड़ती है तो इसका पूरा ठीकरा सपा पर फूटेगा। इसके अलावा सपा अगर अपने हिस्से की पांच सीटों पर जीत हासिल करती है और बीजेपी को कड़ी टक्कर देती है तब कांग्रेस शांत रहेगी। लेकिन ऐसा करने में सपा चूक जाती है या उपचुनाव में उनका प्रदर्शन खराब होता है तो कांग्रेस का हमला बढ़ सकता है।