मेड़ता सिटी (नागौर) . यहां छात्रों को छात्र नहीं बल्कि "स्टार' कहा जाता है। शिक्षकों को भी "आइकन' के नाम से पुकारते हैं। संचालक मानते हैं कि यह छात्र-शिक्षक जैसे औपचारिक संबंधों से अलग संस्था है। मेड़ता सिटी में वी.आर इंस्टीट्यूट के नाम से व्याख्याता निर्मल शर्मा ऐसे विद्यार्थियों को निशुल्क पढ़ा रहे हैं जो अनाथ, आर्थिक स्थिति से पिछड़े या फिर दिव्यांग हैं।
- वी.आर संस्थान के नाम से मेड़ता में दिव्यांग, अनाथ एवं जरूरतमंदों को निशुल्क पढ़ा रहे व्याखता निर्मल शर्मा
-शिक्षक दिवस विशेष
मेड़ता सिटी (नागौर) . यहां छात्रों को छात्र नहीं बल्कि "स्टार' कहा जाता है। शिक्षकों को भी "आइकन' के नाम से पुकारते हैं। संचालक मानते हैं कि यह छात्र-शिक्षक जैसे औपचारिक संबंधों से अलग संस्था है। मेड़ता सिटी में वी.आर इंस्टीट्यूट के नाम से व्याख्याता निर्मल शर्मा ऐसे विद्यार्थियों को निशुल्क पढ़ा रहे हैं जो अनाथ, आर्थिक स्थिति से पिछड़े या फिर दिव्यांग हैं। नतीजन, 9 साल में यहां से ग्रहण की निशुल्क शिक्षा की बदौलत 120 "स्टार्स' ने सरकारी नौकरी हासिल की है।
विद्यार्थियों के लिए मसीहा बने निर्मल शर्मा स्वय: मेड़ता क्षेत्र के चूंदिया गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में इतिहास के व्याख्याता है, जो साल 2016 से मेड़ता स्थित अपने घर में वीआर नाम से एक संस्थान चला रहे हैं। सुनने में यह कोई व्यवसायिक संस्थान लगता है, लेकिन यहां विद्यार्थियों को निशुल्क शिक्षा दी जाती है।
व्याख्याता शर्मा 2007 से 2016 तक छोटे स्तर पर कुछ छात्रों को किराये के कमरों में रखकर मार्गदर्शन देते थे। इसके बाद 2016 में वीआर नाम से संस्थान स्थापित की। विशेष रूप से इस संस्थान में न तो कोई शिक्षक है, न कोई विद्यार्थी। यह छात्र-शिक्षक जैसे औपचारिक संबंधों से अलग एक संस्थान है। इसमें शिक्षक और शिक्षार्थी वे ही छात्र हैं, जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। खास बात यह है कि यहां छात्र को छात्र नहीं कहकर स्टार कहा जाता है और शिक्षक को आइकन। कक्षा में 40-45 स्टार्स की निश्चित संख्या रहती है। वे परस्पर एक-दूसरे का सहयोग कर आगे बढ़ते हैं।
सचिवालय स्तर से लेकर प्रथम श्रेणी अध्यापकों की झड़ी
संस्थान की ओर से अनाथ, अयोग्य, सामाजिक परिस्थिति से पीड़ित तथा विकलांग विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाती है। यहां से पढ़े 2 स्टार्स सचिवालय स्तर पर पद स्थापित है। अनेक छात्र प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी व तृतीय श्रेणी अध्यापक और एलडीसी आदि पदों पर राज्य सेवा में नियुक्त हैं। साल 2016 से 2025 तक 120 स्टार्स का सरकारी सेवाओं में चयन हुआ है।
समझिए..."वीआर' का मतलब
दरअसल, वीआर कोई कॉमर्शियल नाम नहीं, बल्कि इसका एक मोटिवेशनल अर्थ है। वीआर में "टूगेदर एंड पेरसिस्ट टू विश, वर्क एंड विन' है। इसका मतलब साथ रहकर दृढ़ निश्चय रखते हुए अपनी मंजिल के लिए काम करके जीतना है। व्याख्यात शर्मा का कहना है इस प्रकार स्टार्स स्वयं अपने प्रयासों से आइकन बनकर देश की तस्वीर को साफ-सुथरा बनाते हैं।