उन्नत पशुधन की ओर बढ़े किसानों के कदम,डेयरी उद्योग से खुलेगी आमदनी की नई राह गोटेगांव के 15 किसान हरियाणा रवाना
dairy industry opening up
मुख्यालय के रेलवे स्टेशन पर मंगलवार की सुबह कुछ अलग ही थी। साधारण कपड़ों में अपने बैग संभाले 15 किसान,लेकिन चेहरों पर असाधारण उम्मीद। यह कोई सरकारी कार्यक्रम की औपचारिकता नहीं, बल्कि उन परिवारों की नई शुरुआत का सफ ऱ था जो अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी को डेयरी के सहारे बेहतर बनाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना के अंतर्गत ये किसान उन्नत नस्ल की मुर्रा भैंस का चयन करने हरियाणा रवाना हुए।
गोटेगांव विधायक महेंद्र नागेश ने स्टेशन पहुंचकर किसानों से अनौपचारिक बातचीत की। उनके सवाल कैसे दूध उत्पादन बढ़ाया जाए, बाज़ार में बेहतर दाम कैसे मिले,उनके सपनों और संघर्षों का ही हिस्सा थे। रवाना होने से पहले किसानों ने बताया कि मुर्रा भैंस का चयन उनके लिए एक महत्वपूर्ण निवेश है, जिससे वे अपनी आय को स्थिर और मजबूत बनाना चाहते हैं। हरियाणा रवाना हो रहे किसानों ने मुस्कुराते हुए कहा यह सिर्फ यात्रा नहीं, एक नई उम्मीद है। उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. सुनील ब्रजपुरिया बताते हैं कि योजना में मिलने वाला 50प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक अनुदान किसानों के आर्थिक बोझ को काफ ी हल्का कर देता है। इससे छोटे और सीमांत पशुपालकों को भी गुणवत्तापूर्ण पशुधन मिल पाता है। कई किसान बताते हैं कि अकेले अपने दम पर वे कभी हरियाणा जाकर उन्नत नस्ल का पशु नहीं ले पाते। लेकिन योजना ने यह रास्ता आसान कर दिया।
इसी सिलसिले में जिले में जल्द ही दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान का दूसरा चरण शुरू होने वाला है। कलेक्टर रजनी सिंह और जिला पंचायत सीईओ गजेंद्र नागेश के निर्देशन में मैदानी टीमों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया है। अभियान का मकसद सिर्फ दूध उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि गांव.गांव जाकर नस्ल सुधारए पोषण प्रबंधन, टीकाकरणए रोग नियंत्रण जैसी व्यवहारिक जानकारी को हाथोंहाथ किसानों तक पहुंचाना है। स्थानीय समस्याओं का समाधान स्थल पर ही किया जाएगा ताकि किसानों का समय और पैसा दोनों बच सके।