मंडी के शेडों पर व्यापारियों का कब्जा, किसानों को फ र्श पर अनाज ढेर करने की नौबत
Traders occupy market sheds
कृषि उपज मंडी नरसिंहपुर में इन दिनों अव्यवस्थाएं चरम पर हैं। बंपर आवक के बीच मंडी परिसर के शेडों पर व्यापारियों का कब्जा गहराता जा रहा है, जिसके कारण किसानों को अपनी उपज फर्श पर ढेर लगाकर रखने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। मंडी में इन दिनों मक्के की भरपूर आवक हो रही है, लेकिन शेड खाली न होने से किसानों को सुरक्षित स्थान नहीं मिल पा रहा है।मंडी परिसर में बने सभी शेडों में व्यापारियों द्वारा खरीदा गया स्टॉक लंबे समय से जमा है। कई व्यापारी अपना खर्च बचाने और निजी भंडारण व्यवस्था का उपयोग न करने के चलते मंडी से उठाव में अनावश्यक देरी कर रहे हैं। इससे शेड लगातार भरे रहते हैं और नए आने वाले किसानों की उपज रखने की व्यवस्था प्रभावित होती है। किसानों का कहना है कि वे मंडी पहुंचते ही जगह की तलाश में भटकते हैं, लेकिन शेड पूरी तरह भरे होने के कारण उन्हें मजबूरी में अपनी उपज खुले फ र्श पर ही रखना पड़ता है। इससे अनाज के खराब होने का जोखिम बढ़ जाता है। स्थिति यह है कि मंडी की बुनियादी व्यवस्थाएं अस्त.व्यस्त दिखाई दे रही हैं। प्रबंधन द्वारा शेडों को समय पर खाली कराने या व्यापारियों पर सख्ती बरतने जैसी कोई सक्रिय कार्रवाई नजर नहीं आती। व्यापारी खुलेआम शेडों का उपयोग निजी गोदाम की तरह कर रहे हैं और मंडी प्रशासन की ओर से कोई रोक.टोक नहीं की जा रही है। किसान बताते हैं कि प्रबंधन को बार.बार शिकायतें दी गईं। लेकिन सुधार की दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं हुए।
बंपर आवक के इस सीजन में प्रतिदिन बड़ी संख्या में किसान अपनी फ सल लेकर मंडी पहुंच रहे हैं। ऐसे में शेडों का कब्जा मुक्त न होना बड़ी समस्या बन गया है। किसानों का कहना है कि यदि समय पर व्यवस्था सुधारी नहीं गई तो खराब मौसम या अचानक बारिश से उनकी उपज को भारी नुकसान हो सकता है। किसानों की मांग है कि मंडी प्रशासन तत्काल शेडों से व्यापारियों का पुराना स्टॉक हटवाए, उठाव में देरी करने वाले व्यापारियों पर जुर्माना लगाए और शेडों का उपयोग केवल किसानों की उपज रखने के लिए सुनिश्चित करे। कृषि उपज मंडी किसानों के लिए सुरक्षा और सुविधा का स्थान हैए लेकिन मौजूदा स्थिति में व्यापारी हित हावी होते दिख रहे हैं। किसानों का कहना है कि यदि यही हाल रहा तो उन्हें मंडी में उपज लाना भी जोखिम भरा लगने लगेगा। मंडी में जगह की कमी और प्रबंधन की उदासीनता के चलते किसान परेशान हैं और जल्द कार्रवाई की उम्मीद लगाए हुए हैं।
नरसिंहपुर। कृषि उपज मंडी नरसिंहपुर में इन दिनों अव्यवस्थाएं चरम पर हैं। बंपर आवक के बीच मंडी परिसर के शेडों पर व्यापारियों का कब्जा गहराता जा रहा है, जिसके कारण किसानों को अपनी उपज फर्श पर ढेर लगाकर रखने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। मंडी में इन दिनों मक्के की भरपूर आवक हो रही है, लेकिन शेड खाली न होने से किसानों को सुरक्षित स्थान नहीं मिल पा रहा है।मंडी परिसर में बने सभी शेडों में व्यापारियों द्वारा खरीदा गया स्टॉक लंबे समय से जमा है। कई व्यापारी अपना खर्च बचाने और निजी भंडारण व्यवस्था का उपयोग न करने के चलते मंडी से उठाव में अनावश्यक देरी कर रहे हैं। इससे शेड लगातार भरे रहते हैं और नए आने वाले किसानों की उपज रखने की व्यवस्था प्रभावित होती है। किसानों का कहना है कि वे मंडी पहुंचते ही जगह की तलाश में भटकते हैं, लेकिन शेड पूरी तरह भरे होने के कारण उन्हें मजबूरी में अपनी उपज खुले फ र्श पर ही रखना पड़ता है। इससे अनाज के खराब होने का जोखिम बढ़ जाता है। स्थिति यह है कि मंडी की बुनियादी व्यवस्थाएं अस्त.व्यस्त दिखाई दे रही हैं। प्रबंधन द्वारा शेडों को समय पर खाली कराने या व्यापारियों पर सख्ती बरतने जैसी कोई सक्रिय कार्रवाई नजर नहीं आती। व्यापारी खुलेआम शेडों का उपयोग निजी गोदाम की तरह कर रहे हैं और मंडी प्रशासन की ओर से कोई रोक.टोक नहीं की जा रही है। किसान बताते हैं कि प्रबंधन को बार.बार शिकायतें दी गईं। लेकिन सुधार की दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं हुए।
बंपर आवक के इस सीजन में प्रतिदिन बड़ी संख्या में किसान अपनी फ सल लेकर मंडी पहुंच रहे हैं। ऐसे में शेडों का कब्जा मुक्त न होना बड़ी समस्या बन गया है। किसानों का कहना है कि यदि समय पर व्यवस्था सुधारी नहीं गई तो खराब मौसम या अचानक बारिश से उनकी उपज को भारी नुकसान हो सकता है। किसानों की मांग है कि मंडी प्रशासन तत्काल शेडों से व्यापारियों का पुराना स्टॉक हटवाए, उठाव में देरी करने वाले व्यापारियों पर जुर्माना लगाए और शेडों का उपयोग केवल किसानों की उपज रखने के लिए सुनिश्चित करे। कृषि उपज मंडी किसानों के लिए सुरक्षा और सुविधा का स्थान हैए लेकिन मौजूदा स्थिति में व्यापारी हित हावी होते दिख रहे हैं। किसानों का कहना है कि यदि यही हाल रहा तो उन्हें मंडी में उपज लाना भी जोखिम भरा लगने लगेगा। मंडी में जगह की कमी और प्रबंधन की उदासीनता के चलते किसान परेशान हैं और जल्द कार्रवाई की उम्मीद लगाए हुए हैं।