Flood and Cloud Burst: देश के कई राज्यों में तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है जिसके चलते कई नदियों का जल स्तर खतरे के निशान को पार करने लगा है। हिमाचल में बादल फटने और भारी बारिश से कई लोगों की जान चली गई है जबकि अभी भी दो दर्जन से ज्यादा लोग लापता हैं।
Flood and Cloud Burst in Himachal Pradesh: देश में 11 नदियों के जलस्तर में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) ने यह बताया कि नदियों का जलस्तर चेतावनी स्तर को पार कर चुका है। असम, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के 12 जगहों पर नदियों का जलस्तर सामान्य से ऊपर बह रहा है। बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है जिसके चलते नदियां रौद्र रूप धारण करती हुई दिखाई देने लगी हैं।
असम में करीमगंज में कुशियारा नदी (Kushiyara River) और जोरहाट के नेमाटीघाट में ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra River) चिंता के स्तर के करीब पहुंच गई हैं। बिहार के बलतारा में कोसी (Kosi), बेनीबाद में बागमती (Bagmati) और डुमरियाघाट में गंडक (Gandak) का जलस्तर बढ़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश में चार स्थानों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इनमें फतेहगढ़ और कछला ब्रिज पर गंगा (Ganga), एल्गिन ब्रिज पर घाघरा (Ghagra) और खड्डा पर गंडक शामिल हैं।
13 died in Mandi, Himachal: देश के कई पहाड़ी राज्यों मसलन हिमाचल और उत्तराखंड में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है। हिमाचल में लगातार हो रही बारिश, बादल फटने (Cloud Burst) और भूस्खलन की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। इसके चलते प्रदेश में जानमाल का काफी नुकसान हुआ है। मंडी जिले में इस आपदा के कारण अब तक 13 लोगों की मौत हो गई है और जबकि 29 लोग अभी भी लापता हैं। वहीं उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग, बागेश्वर और टिहरी में नदियां अपने उफान पर हैं।
जानकारी के अनुसार, मंडी जिले के थुनाग, करसोग, जोगिंद्रनगर और गौहर इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। थुनाग में पांच लोगों की मौत हुई है, जबकि करसोग में एक और गौहर में सात लोगों की जान गई है। इसके अलावा, जोगिंद्रनगर के स्यांज से दो शवों को बरामद किया गया है। साथ ही थुनाग, करसोग और गौहर के 29 लोग लापता हैं। हिमाचल में 30 जून की रात 11 जगहों पर बादल फटने की घटना घटी। मंडी के करसोग, धर्मपुर, बगशयाड़, थुनाग, गोहर क्षेत्र के 100 से ज्यादा गांवों में 24 घंटे से ज्यादा समय से बिजली गायब है।
भारी बारिश और बादल फटने की घटना से मंडी जिले में 148 मकान, 104 गौशालाएं और 162 मवेशियों की हानि हुई है। साथ ही 14 पुल को भी आपदा में नुकसान पहुंचा है। 154 लोगों को बचाया गया है। मंडी प्रशासन ने आपदा से प्रभावित लोगों के लिए कई राहत शिविर भी बनाए हैं, जिनमें 357 लोगों ने आश्रय लिया है।
हिमाच प्रदेश में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस, होम गार्ड और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं।