बीमा सेक्टर में एफडीआई की सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% किया गया, जिससे कंपनियों को अधिक निवेश मिलेगा और प्रीमियम कम हो सकते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में सीनियर सिटीजन को एक बड़ी राहत दी गई है, जिसमें उनकी आयकर डिडक्शन सीमा को 50,000 से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, बीमा सेक्टर में एफडीआई की सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% किया गया, जिससे कंपनियों को अधिक निवेश मिलेगा और प्रीमियम कम हो सकते हैं। सरकार अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल पेश करने की योजना बना रही है, जिसमें टैक्स रिजीम में बदलाव की संभावना है। वहीं, 12 लाख रुपये तक की टैक्स छूट केवल सैलरी से आय वाले व्यक्तियों को मिलेगी, अन्य स्रोतों से कमाई करने वालों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।
भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में पेश किए गए बजट में सीनियर सिटीजन को एक महत्वपूर्ण राहत दी है। अब, सीनियर सिटीजन के लिए आयकर में मिलने वाली डिडक्शन सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। यह कदम सीनियर सिटीजन को अपने खर्चों को संतुलित करने में मदद करेगा, खासकर उनकी बढ़ती स्वास्थ्य खर्चों और अन्य जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए। इस फैसले से उनके जीवनस्तर में सुधार होने की उम्मीद है, और यह सरकार द्वारा बुजुर्गों के प्रति की गई एक सकारात्मक पहल मानी जा रही है।
इस बार के बजट में एक और महत्वपूर्ण बदलाव बीमा क्षेत्र से जुड़ा है, जिसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब विदेशी निवेशक बीमा कंपनियों में पूरी तरह से निवेश कर सकते हैं। इससे कंपनियों को अतिरिक्त पूंजी मिलेगी, जो उनके विस्तार में मदद करेगी। बीमा सेक्टर के इस विस्तार से प्रीमियम में कमी आ सकती है, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ होगा। इसके अलावा, यह कदम टैक्स पॉलिसी पर भी असर डाल सकता है, क्योंकि बीमा उत्पादों पर टैक्स राहत में भी कुछ बदलाव संभव हैं।
वित्त मंत्री ने इस बजट में एक और अहम घोषणा की है कि अगले हफ्ते सरकार नया इनकम टैक्स बिल पेश करेगी। इसमें टैक्स के ढांचे में बदलाव किए जाने की संभावना है। नई कर संरचना से करदाताओं के लिए राहत की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इस नए बिल में टैक्स रिजीम के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं। हालांकि, अब तक इसके विवरणों पर ज्यादा खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इसका असर टैक्सपेयर्स पर सीधे पड़ेगा।
इस बार का बजट एक और खास पहलू लेकर आया है, जिसमें 12.75 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट दी जाएगी। हालांकि, यह छूट केवल उन लोगों के लिए है, जिनकी आय सिर्फ सैलरी से आती है। अगर किसी व्यक्ति की आय शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड या अन्य निवेश स्रोतों से होती है, तो उन्हें यह छूट नहीं मिलेगी। ऐसे लोगों को इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा और उन्हें अपने कुल आय पर सामान्य टैक्स देना होगा। इस बदलाव से कुछ वर्ग के लोगों को थोड़ी कठिनाई हो सकती है, जबकि कुछ अन्य के लिए यह राहत का कारण बन सकता है।