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Bullet Train in India: सबसे तेज चलने वाली बुलेट ट्रेन की सुस्त ‘चाल’, सिर्फ 60 फीसदी काम अब तक हुआ पूरा, कब तक होगा ट्रायल?

Bullet Train India projects: दुनिया के सबसे तेज चलने वाली बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट की चाल सुस्त है। प्रोजेक्ट में हो रही देरी के चलते इसकी लागत दोगुनी होने की आशंका है। इस बारे में पत्रिका के रिपोर्टर उदय पटेल की रिपोर्ट पढ़ें।

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Ahmedabad Mumbai Bullet Train Project getting delay

Bullet Train: देश की पहली बुलेट ट्रेन 2026 में अपने ट्रायल रन पर आएगी लेकिन लोगों को उसकी सवारी का आनेद उठाने के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा। यह माना जा रहा है कि बुलेट ट्रेन की पहली कमर्शिलय रन 2028 के आखिर तक ही हो पाएगी। अभी तक 60 फीसदी काम पूरा होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि प्रोजेक्ट पहले ही चार साल की देरी से चल रहा है।

2017 में ही शुरू हुई थी यह ​परियोजना

Mumbai-Ahmedabad Bullet Train Project: मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की शुरुआत 14 सितंबर 2017 हुई थी। प्रारंभिक लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये अनुमानित थी। हालांकि, परियोजना में लगभग चार वर्षों की देरी हुई है जिसके चलते लागत बढ़ना तय माना जा रहा है। प्रोजेक्ट में देरी से लागत 1.65 लाख करोड़ से लेकर 2 लाख करोड़ तक पहुंच सकती है।

508 किलोमीटर ट्रैक में से 360 किलोमीटर का काम पूरा

रेल मंत्री अश्विन वैष्णव (Rail Minister Ashwini Vaishnav) ने मुताबिक, अभी तक 508 किलोमीटर के ट्रैक में 360 किलोमीटर का काम पूरा हो गया है। जिनमें पुल से लेकर सुरंग और स्टेशन भी शामिल हैं। इस आंकड़े के हिसाब से सिविल का 70 फीसदी काम पूरा हो गया है लेकिन दूसरे काम अभी पीछे चल रहे हैं। ऐसे में परियोजना का 60 फीसदी ही काम पूरा हो पाया है।

कुल 12 स्टेशन, तीन राज्यों से गुजरेगी बुलेट ट्रेन

बुलेट ट्रेन कॉरिडोर में कुल 12 स्टेशन होंगे। इनमें गुजरात के 8 स्टेशन, साबरमती, अहमदाबाद आणंद-नडियाद, वडोदरा, भरूच, वापी, बिलिमोरा, सूरत और महाराष्ट्र के 4 स्टेशन-मुंबई, ठाणे, विरार, बोईसर शामिल हैं। गुजरात में इस प्रोजेक्ट का 348 किलोमीटर हिस्सा है वहीं दादरा नगर हवेली में 4 किलोमीटर और महाराष्ट्र में 156 किलोमीटर क्षेत्र है।

अब तक कितना काम हुआ

ट्रैक की कुल लंबाई - 508 किमी

- 283 किमी वायडक्ट पूरी, 465 बननी है।

- 312 किमीगर्डर कास्टिंग

- 394 किमी पियर कार्य

- 14 रिवर ब्रिज बने

- 6 स्टील ब्रिज और 5 पीएससी ब्रिज बने

-126 किमी में नॉइज़ बैरियर लगे

- 6 स्टेशन का स्ट्रक्चरल काम पूरा, कुल 12 स्टेशन

-गुजरात के हिस्से में ओवरहेड विद्युतीकरण कार्य शुरू

- 2 किलोमीटर समुद्र के नीचे की सुरंग का काम पूरा

-21 किलोमीटर की सुरंग का काम जारी

- महाराष्ट्र में सभी तीन एलिवेटेड स्टेशन पर काम आरंभ

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