Lok Sabha Elections 2024: आनंद मिश्रा की पहचान देश के चुनिंदा और तेज तर्रार अफसरों में रही है।
बक्सर लोकसभा सीट की चुनावी जंग में इन दिनों एक नाम सुर्खियों में है और वो नाम है पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा का। प्रशासनिक अधिकारी के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुके आनंद मिश्रा अब राजनीति के जरिए लोगों की सेवा करना चाहते हैं। पुलिस सेवा को अलविदा कहकर सियासत में उतरने के पीछे उनकी सोच और उनके संकल्प ने चुनावी माहौल को गर्म कर दिया है।
BJP के कहने पर छोड़ी IPS की नौकरी
बीजेपी से टिकट मिलने की उम्मीद में आनंद मिश्रा ने जनवरी 2024 में वीआरएस लिया था। लेकिन जब उन्हें पार्टी की ओर से टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया। राजस्थान पत्रिका के साथ हुई बातचीत में उन्होंने कहा, "कुछ लोगों के कारण बीजेपी की सदस्यता नहीं मिल पाई, लेकिन अब बक्सर से वापसी संभव नहीं है।" अपनी बात को आगे रखते हुए मिश्रा ने कहा कि शाहाबाद की मिट्टी वापस लौटना नहीं सिखाती। अब बक्सर के लोगों के साथ ही रहना है और उनके लिए काम करना है। हम बक्सर में विजन के साथ आए हैं और सियासत के जरिये इलाके की सेवा का संकल्प लिया है।
मात्र 22 साल के उम्र में बन गए थे IPS
आनंद मिश्रा की पहचान देश के उन चुनिंदा और तेज तर्रार अफसरों में रही है। मिश्रा ने महज 22 साल की उम्र में देश की सबसे कठीन UPSC परीक्षा को पास कर लिया था। वहीं, अपने नौकरी छोड़ राजनीति में आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति एक ऐसा बड़ा प्लेटफॉर्म है जिसके जरिये जनता की सेवा अच्छी तरह से की जा सकती है। इसलिए मैंने पुलिस अधिकारी की नौकरी छोड़कर सियासत में एंट्री ली है। भले ही मुझे किसी पार्टी का सिंबल नहीं मिला है, लेकिन बक्सर की जनता का आशीर्वाद मुझे जरूर मिलेगा।" आनंद मिश्रा 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं। बताते चले कि आनंद 2011 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के असम-मेघालय कैडर के अधिकारी रहे हैं।
मणिपुर हिंसा के लिए बनी SIT के सदस्य रहे मिश्रा
सियासत में एंट्री करने से पहले आनंद मिश्रा असम के लखीमपुर में एसपी के रूप में तैनात थे। पिछले दिनों मणिपुर में हुई हिंसा की जांच के लिए गठित एसआईटी के सदस्य भी रहे हैं। अपने बिहार दौरे के दौरान असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने आनंद मिश्रा पर निशाना साधते हुए कहा था कि जैसे ही चुनाव खत्म होगा वो एक बार फिर से मिश्रा को अपने साथ असम लेकर जाएंगे।