Bharat Bandh on 21 August: एससी और एसटी वर्ग में आरक्षण को लेकर उच्चतम न्यायालय ने कहा कि इसका लाभ उसी वर्ग के अन्य पिछड़ी जातियों को नहीं मिल रहा है। ऐसे में उनका लाभ उन तक पहुंचाने के लिए कोटे में कोटा दिया जा सकता है। इसी बात का विरोध कर रहे हैं।
Bharat Bandh 2024: उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में एससी और एसटी आरक्षण में वर्गीकरण करने का आदेश जारी किया था। न्यायालय ने एक मामले में फैसला देते हुए यह स्पष्ट किया था कि एससी और एसटी वर्ग में शामिल सभी लोगों को समान लाभ पहुंचाने के लिए आरक्षण में वर्गीकरण किया जा सकता है। राज्य सरकारें यह कर सकती हैं लेकिन मनमर्जी तरीके से नहीं। ऐसा करना संविधान के आर्टिकल-341 के खिलाफ नहीं है।
यह मामला अभी चल ही रहा था कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बिना आरक्षण लागे किए हुए लेटरल एंट्री के लिए आवेदन मांग लिए और इसके बाद तो हंगामा चरम पर जा पहुंचा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दखल के बाद इस विज्ञापन को रदद किया गया। इसी बात को लेकर अब एससी और एसटी के संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद बुलाया है।
उच्चतम न्यालय ने अपने फैसले में उदाहरण देते हुए कहा था कि 'सभी एससी-एसटी एक समान नहीं हैं। जैसे— सीवर की सफाई और बुनकर का काम करने वाले। ये दोनों जातियां एससी में आती हैं लेकिन इस जाति के लोग बाकियों से अधिक पिछड़े रहते हैं। ऐसे में इनके उत्थान के लिए वर्गीकरण किया जा सकता है। ऐसा करना संविधान के आर्टिकल-341 के खिलाफ नहीं है।'
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वर्गीकरण करने से पहले पुख्ता डेटा होना चाहिए। जिससे हिस्सेदारी सही रूप से निर्धारित हो सके। उच्चतम न्यायालय ने याचिकाओं की सुनवाई में कहा था कि आरक्षण का फायदा कुछ ही जातियों को मिला है। इसमें शामिल अन्य जातियों को मुख्यधारा में लाने के लिए कोटे में कोटा किया जा सकता है। ऐसा कहकर 2004 के अपने फैसले को उच्चतम न्यायालय ने पलट दिया था।