Patrika Interview: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुख किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की भूमिका चुनाव में बढ़ गई है। कहने के लिए भाकियू चुनाव में न्यूट्रल है, लेकिन कहीं ना कहीं किसान आंदोलन के बाद से ही संगठन केंद्र सरकार से नाराज चल रहा है। अभिषेक श्रीवास्तव से विशेष बातचीत के दौरान भाकियू के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने खुलकर किसानों का पक्ष रखा। प्रस्तुत है इसी बातचीत के प्रमुख अंश।
लोकसभा चुनाव में भाकियू किसके साथ है?
यह किसानों का खुद का निर्णय होगा। भारतीय किसान यूनियन न्यूट्रल है। किसान जिसे मन करे उसे वोट दें। लेकिन एक बात तो तय है, किसान 2021-22 750 किसानों की शहादत को नहीं भूलेगा। हमारे पास आम आदमी पाटी, कांग्रेस और भाजपा के नेता आ रहे हैं। हमने किसानों पर छोड़ दिया है, वे किसका साथ देते हैं।
देखिए यह उनका निर्णय है। केंद्र सरकार कई लोगों के साथ गलत कर चुकी है। केजरीवाल एक प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, उन्हें जेल में डाल दिया गया। मनीष सिसोदिया ने अच्छा काम किया था, उन्हें जेल में डाल दिया गया। हाथरस में जयंत चौधरी पर लाठी बरसाना भी गलत था। रालोद ने अचानक निर्णय लिया। किसी बड़े बुजुर्ग से चर्चा तक नहीं की।
देखिए पिछले चुनाव में 90 प्रतिशत से अधिक किसानों ने भारतीय जनता पार्टी को वोट किया था। अब जो भी निर्णय होंगे, वे किसानों के सामूहिक होंगे। संयुक्त किसान मोर्चा में छोटे-बड़े सैकड़ों संगठन हैं। हम भी उसका हिस्सा हैं।
देखिए चुनाव आते और जाते रहेंगे। हम 11 महीने चले किसानों के आंदोलन को कैसे भूल सकते हैं। एक बात तो तय है सरकार किसान विरोधी है। किसान को सम्मान नहीं मिल रहा है। किसान को खालिस्तानी बोला जाता है। किसान के बच्चे फ़ौज में जाते हैं। इस सरकार में उसे भी अग्निवीर बना दिया गया।