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CBI ने लांच किया ऑपरेशन चक्रा-5, अचानक 42 जगहों पर मारा छापा, मचा हड़कंप

इस कार्रवाई में असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे आठ राज्यों में 38 PoS एजेंट्स के परिसरों की तलाशी ली गई।

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट के मामलों पर लगाम कसने के लिए अपने अभियान 'ऑपरेशन चक्रा-5' के तहत एक व्यापक कार्रवाई शुरू की है। इस ऑपरेशन के तहत CBI ने देशभर में 42 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की, जिसमें टेलीकॉम ऑपरेटरों के पॉइंट ऑफ सेल (PoS) एजेंट्स के ठिकानों को निशाना बनाया गया। ये एजेंट्स कथित तौर पर साइबर अपराधियों और टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के अज्ञात अधिकारियों के साथ मिलकर अवैध गतिविधियों के लिए सिम कार्ड जारी कर रहे थे।

ये चल रहा था खेला

CBI के बयान के अनुसार, इन सिम कार्ड्स का उपयोग डिजिटल अरेस्ट, व्यक्तित्व की नकल, धोखाधड़ी वाले विज्ञापन, निवेश घोटाले, UPI धोखाधड़ी जैसे गंभीर अपराधों में किया जा रहा था। इस कार्रवाई में असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे आठ राज्यों में 38 PoS एजेंट्स के परिसरों की तलाशी ली गई।

छापेमारी के दौरान CBI ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्री जब्त की, जिसमें मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, KYC दस्तावेजों की प्रतियां और अवैध सिम कार्ड वितरण में शामिल बिचौलियों की पहचान शामिल है। इसके अलावा, अपराध से अर्जित संपत्ति भी जब्त की गई। जांच एजेंसी ने KYC नियमों का उल्लंघन कर अनधिकृत रूप से सिम कार्ड बेचने के आरोप में चार राज्यों से पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।

जांच अभी जारी

यह कार्रवाई भारत सरकार की साइबर अपराध और इसके अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। विशेष रूप से, इस तरह के अपराधों के पीछे की बुनियादी संरचना को ध्वस्त करने पर जोर दिया जा रहा है। CBI ने बताया कि इस मामले में जांच अभी जारी है, और आगे की कार्रवाई के लिए सभी सबूतों का गहन विश्लेषण किया जा रहा है।

ऑपरेशन चक्रा-5 न केवल साइबर अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जांच एजेंसियां देश में डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कितनी सतर्क और सक्रिय हैं।

Published on:
10 May 2025 11:55 pm
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