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Cryptocurrency: क्रिप्टो में इन्वेस्ट से पहले जान लें Tax के नियम, ITR भरते समय इन बातों का रखना होगा ध्यान

ITR Filing Rules: क्रिप्टोकरेंसी में अधिक रिटर्न मिलने की जितनी संभावना है, पैसे डूबने का भी उतनी ही अधिक जोखिम है। भारत सरकार ने फरवरी, 2022 के आम बजट में फैसला किया था कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30% टैक्स लगाया जाएगा और सभी तरह के क्रिप्टो सौदों पर 1% TDS कटेगा।

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ITR Filing Rules: क्रिप्टोकरेंसी में अधिक रिटर्न मिलने की जितनी संभावना है, पैसे डूबने का भी उतनी ही अधिक जोखिम है। भारत सरकार ने फरवरी, 2022 के आम बजट में फैसला किया था कि क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) से होने वाली आय पर 30% टैक्स (Tax) लगाया जाएगा और सभी तरह के क्रिप्टो सौदों पर 1% TDS कटेगा। इसके बाद भी लोग Crypto में ट्रेडिंग करते रहे। अगर आप भी ऐसे लोगों में शामिल हैं जिन्होंने क्रिप्टो में निवेश किया है तो समझ लें कि क्रिप्टो पर Tax कैसे लगाया जाता है, ताकि आपको आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने में परेशानी नहीं हो।


कमाई पर इतना लगेगा टैक्स


आयकर अधिनियम की धारा 115बीबीएच कहती है कि क्रिप्टोकरेंसी समेत सभी वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों (VDA) के किसी भी प्रकार के लेनदेन से होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्स काटा ही जाएगा। उसके अलावा उस पर अधिभार और उपकर (सरचार्ज और सेस) भी लगेंगे। मान लीजिए कि आपने बिटकॉइन की ट्रेडिंग से 1 लाख रुपए कमाए हैं तो आपको इस पर बतौर टैक्स 30,000 रुपए देने होंगे। उसके ऊपर 1,200 रुपए सेस भी काटा जाएगा। इस तरह 1 लाख रुपए की कमाई पर आप 31,200 रुपए टैक्स देंगे।


घाटे की भरपाई नहीं


क्रिप्टोकरेंसी और वीडीए से होने वाले घाटे के बदले आप किसी अन्य वर्चुअल डिजिटल संपत्ति पर हुए मुनाफे या किसी अन्य प्रकार की आय पर टैक्स छूट नहीं मांग सकते है। टैक्सेबेल इनकम में से केवल वीडीए को खरीदने पर हुआ खर्च ही घटाया जा सकता है।


TDS के नियम


देश में 1 जुलाई 2022 से एक सीमा से अधिक वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों के लेनदेन पर 1त्न टीडीएस काटा जा रहा है। यूजर्स की ओर से टीडीएस काटने की जिम्मेदारी क्रिप्टो एक्सचेंज की है। लेकिन यदि दो यूजर्स आपस में लेनदेन करते हैं तो खरीदने वाले को टीडीएस काटकर जमा करना होगा। मान लीजिए कि आपने 60,000 रुपए के एथेरियम बेचे तो खरीदार 600 रुपए टीडीएस काटने के बाद आपको 59,400 रुपए देगा।


क्रिप्टो माइनिंग पर टैक्स


क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग यानी क्रिप्टो तैयार करने में बहुत ताकतवर कंप्यूटर या खास हार्डवेयर का इस्तेमाल होता है, जो लेनदेन का सत्यापन करता है और उसे ब्लॉकचेन नेटवर्क पर चढ़ा देता है। इस नेवटर्क में माइनर गणित की पेचीदा गुत्थियों को सुलझाने में एक दूसरे का मुकाबला करते हैं। जो माइनर सबसे पहले उसे सुलझा लेता है, उसे बतौर इनाम क्रिप्टोकरेंसी मिलती है। इस तरह माइनिंग से होने वाली आय पर 30त्न टैक्स लगता है। टैक्स का हिसाब लगाते समय माइनर की क्रिप्टोकरेंसी की खरीद कीमत शून्य मान ली जाती है और वह जितने में भी बिकती है, वह मुनाफा कहलाता है। माइनिंग में लगी बिजली या कंप्यूटर आदि उपकरणों की कीमत को खरीद मूल्य में शामिल नहीं किया जा सकता है।

Published on:
11 Jul 2024 07:33 am
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