दिल्ली-NCR में सर्दी के साथ प्रदूषण 'गंभीर' स्तर पर पहुंचता जा रहा है, दिवाली के बाद AQI 500 तक पहुंचा है। विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य जोखिमों को लेकर चेतावनी दी है और बाहर जाने से बचने की सलाह दी है।
सर्दी की दस्तक के साथ ही दिल्ली-NCR की हवा जहरीली हो चुकी है। दिवाली (Diwali 2025) के पटाखों की धूम मचाने के तीन दिन बाद भी प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गुरुवार सुबह 325 के आसपास दर्ज किया गया, जबकि कई इलाकों में यह 400 से ऊपर चढ़ गया। नोएडा में भी स्थिति चिंताजनक है, जहां AQI 412 तक पहुंचा। धुंध की मोटी चादर ने विजिबिलिटी को कम कर दिया है, और विशेषज्ञों ने आउटडोर गतिविधियों पर रोक लगाने की सलाह दी है।
दिल्ली के आनंद विहार जैसे हॉटस्पॉट्स में AQI 500 से अधिक हो गया, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से 10 गुना ज्यादा है। नोएडा के सेक्टर-62 में PM2.5 का स्तर 282 तक पहुंचा, जो सांस संबंधी बीमारियों का बड़ा खतरा पैदा कर रहा है। अक्षरधाम मंदिर के आसपास की सड़कें धुंध से ढक गईं, और पार्थला फ्लाईओवर पर विजिबिलिटी घटकर न्यूनतम स्तर पर आ गई। यह स्थिति न केवल वर्तमान में स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है, बल्कि सर्दी के मौसम में और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है।
दिवाली (20 अक्टूबर) पर 'ग्रीन' पटाखों की अनुमति के बावजूद लोगों ने खुले तौर पर प्रतिबंध तोड़ा। इसके चलते PM2.5 का स्तर 488 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया, जो त्योहार से पहले के 156.6 से तीन गुना ज्यादा है। आईआईटी दिल्ली और आईआईटी कानपुर के अध्ययन के मुताबिक, बायोमास जलाना (जैसे पराली और गोबर के उपले) दिल्ली के प्रदूषण का मुख्य कारण है, जो दिवाली के बाद और तेज होता है।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह प्रदूषण फेफड़ों की क्षमता कम कर सकता है, सिरदर्द, खांसी और हृदय रोगों को जन्म दे सकता है। बच्चे, बुजुर्ग और अस्थमा रोगी सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। डॉ. एस के ढाका, राजधानी कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा, "2025 का दिवाली प्रदूषण 5 सालों का सबसे ऊंचा है। PM2.5 में तीन गुना उछाल चिंताजनक है।"
दिल्ली सरकार ने GRAP-II के तहत निर्माण कार्य सीमित कर दिए हैं, और ऑड-ईवन ट्रायल शुरू करने की योजना है। पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, विंटर एक्शन प्लान पूरी तरह सक्रिय है। डस्ट कंट्रोल, वाहनों पर निगरानी और कचरा जलाने पर सख्ती बढ़ाई गई। दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार है, जहां 2025 में 0% दिन WHO के सुरक्षित स्तर पर रहे। अगर तत्काल कदम न उठाए गए, तो सर्दी भर यह संकट बना रहेगा।