UPS Vs NPS Vs OPS : यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) सरकार के कर्मचारियों के लिए नयी पेंशन स्कीम है। इसमें पेंशन का भार कर्मचारी पर नहीं पड़ेगा।
UPS Vs NPS Vs OPS : सरकारी कर्मचारी काफी टाइम से एनपीएस में सुधार या ओपीएस को वापस लागू करने की मांग कर रहें थे। विपक्षी दल भी इस बात का मुद्दा बना रहे थे। अब मोदी सरकार ने विपक्ष को इसका जवाब देते हुए शनिवार को एक नई पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी है। इसका नाम यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) है। UPS में कर्मचारी के रिटायरमेंट से पहले की 12 महीने की एवरेज बेसिक पे का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। इस स्कीम में कई दूसरे फायदे भी हैं। इनमें सुनिश्चित पेंशन, सुनिश्चित फैमिली पेंशन, सुनिश्चित मिनिमम पेंशन, इन्फ्लेशन के साथ इंडेक्सेशन और ग्रेच्युटी के अलावा अतिरिक्त पेमेंट शामिल हैं। अब जानते हैं यूनिफाइड पेंशन स्कीम, न्यू पेंशन स्कीम और ओल्ड पेंशन स्कीम में क्या अंतर है।
ओल्ड पेंशन स्कीम में सरकारी कर्मचारियों को सरकार की तरफ से उनकी आखिरी सैलरी के आधार पर मासिक पेंशन देने का प्रावधान है। इस योजना के तहत कर्मचारियों को पेंशन में कंट्रीब्यूशन नहीं देना होता था। OPS में मिलने वाले फायदे -
इसे ओल्ड पेंशन स्कीम की जगह लागू करने का प्लान था लेकिन इसका विरोध हुआ और लंबे समय से इसका विरोध हो रहा था। एनपीएस के तहत कर्मचारियों से भी पेंशन में कंट्रीब्यूशन लिया जाने लगा था।
यूपीएस में अब केंद्रीय कर्मचारियों को एक फिक्स पेंशन दिया जाएगा, जो लास्ट 12 महीने की ऐवरेज बेसिक सैलरी का 50% होगा। कर्मचारी को यह पेंशन पाने के लिए कम से कम 25 साल तक सर्विस करनी होगी। उसके बाद ही वह इस योजना का लाभ उठा पाएंगे।