गोसेवा आयोग ने महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम का भी हवाला दिया। आयोग ने कहा कि "कृपया इस मामले में सतर्क रहें।"
Eid Al-Adha: ईद-उल-अजहा 7 जून को मनाया जाएगा। बकरीद से पहले महाराष्ट्र गोसेवा आयोग ने सभी कृषि उपज बाजार समितियों (एपीएमसी) एक निर्देश जारी किया है। आयोग ने 3 जून से 8 जून तक कोई भी पशु हाट नहीं लगाने का निर्देश दिया है। गोसेवा आयोग के इस फैसले की मुस्लिम समुदाय ने निंदा की है। मुस्लिम समुदाय का कहना है कि बकरीद से पहले पूरे हफ्तेभर के लिए बकरे सहित अन्य जानवरों की बिक्री पर रोक लगाना अनुचित है।
बता दें कि कृषि उपज बाजार समितियों को भेजे गए सर्कुलर में गोसेवा आयोग ने कहा कि बकरीद के मद्देनजर बड़े पैमानों पर पशुओं की कुर्बानी दी जाती है। 3 से 8 जून तक कोई भी पशु हाट नहीं लगानी चाहिए ताकि गोवंश का अवैध वध न हो।
वहीं गोसेवा आयोग ने महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम का भी हवाला दिया। आयोग ने कहा कि "कृपया इस मामले में सतर्क रहें।"
वहीं इस सर्कुलर का मुस्लिम समुदाय द्वारा विरोध किया गया। नांदेड़ में सर्कुलर का विरोध कर रहे वंचति बहुजन अघाड़ी के प्रदेश उपाध्यक्ष फारूक अहमद ने कहा कि प्रदेश सरकार को गोहत्या न हो इसके लिए सुनिश्चित कदम उठाने की जरूरत है, लेकिन पूरे बाजार को बंद करने के पीछे क्या इरादा है?
फारूक अहमद ने आगे कहा कि अगर पशु हाट नहीं लगाई गई तो बकरी, भैंस और भेंड का व्यापार बंद हो जाएगा। जिससे किसानों और मजदूरों की दैनिक मजदूरी आय बंद हो जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि गोसेवा आयोग को महज सिफारिश करने का अधिकार है। सीधे तौर पर बाजार समितियों को आदेश जारी नहीं कर सकती है।
वहीं महाराष्ट्र गोसेवा आयोग के अध्यक्ष शेखर मुंदड़ा ने कहा कि बकरीद से पहले के दिनों में कुर्बानी की लिए बड़ी संख्या में जानवरों की खरीद होती है। हम केवल ऐसा होने से रोकना चाहते हैं। जहां तक अन्य जानवरों की बिक्री पर रोक का सवाल है, तो यह केवल एक सप्ताह के लिए होगा।