मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है।
झारखंड के गुमला जिले की तस्वीर तेजी से बदल रही है। जल की रानी कही जाने वाली मछली ने कुछ ही वर्षों में गांवों और कस्बों की तकदीर को बदल दिया है। यहां के किसान मत्स्य पालन के जरिए न केवल सम्मानजनक जीवन जी रहे हैं, बल्कि अपने परिवार का भविष्य भी संवार रहे हैं। कभी नक्सल प्रभावित रहे इस जिले में अब शांति की बयार बह रही है। स्थानीय लोगों ने मेहनत और समझदारी से क्षेत्र की आबोहवा बदल डाली। एक समय था जब शाम के छह बजे के बाद घर से निकलना भी मुश्किल था। हर ओर उग्रवाद का भय पसरा रहता था, लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं।
मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत अब तक जिले के 157 लोग लाभान्वित हो चुके हैं। इसके अलावा, विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 8 से 9 हजार लोग मत्स्य पालन से जुड़ चुके हैं, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में लौट आए हैं। इनमें से कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़ विकास को अपनाया है।