मौसम विभाग ने कहा है कि मॉनसून इस बार सितंबर अंत या आगे भी जारी रह सकता है।
15 सितंबर के आसपास मॉनसून देश से लगभग विदा होने लगता है और त्योहारी सीजन के साथ ठंड का मौसम आ जाता है। लेकिन इस बार का मौसम पूरी तरह चौंका रहा है। इस बार के मौसम को लेकर मौसम विभाग ने खास अलर्ट किया है। उसका कहना है कि इस बार जैसे बारिश ने पूरे देश में धूम मचा दी वैसे ही सर्दी भी सितम ठाएगी। विश्व मौसम संगठन (WMO) और भारतीय मौसम विभाग (IMD) की चेतावनी के अनुसार, वर्ष 2025 के अंत तक एक सशक्त ला नीना (La Nina) उभरने वाली है, जो भारत में असामान्य रूप से भयंकर सर्दी लेकर आएगी।
स्पैनिश भाषा में 'एक छोटा लड़का' और 'एक छोटी लड़की' के मायने हैं El Niño और La Niña। अल नीनो की तुलना में ला नीना भी एक तरह का क्लाइमेट पैटर्न है, जिसके कारण प्रशांत महासागर के सेंट्रल और ईस्टर्न हिस्से में समुद्री सतह के तापमान में बड़ी गिरावट आती है। इस कारण वायुमंडल में बड़ा बदलाव आ जाता है, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सर्दियों को पहले से कहीं अधिक भीषण बना देता है। वहीं अल नीनो तापमान को बढ़ाता है, जिससे गर्मी में तापमान बढ़ जाता है। WMO ने स्पष्ट किया है कि 2025 के अंत तक ला नीना के प्रभाव का असर पूरे भारत में देखने को मिलेगा।
IMD ने भी इस पूर्वानुमान को सही मानते हुए कहा है कि इस सर्दी में नॉर्मल टेंपरेचर के रिकॉर्ड टूट सकते हैं। खासतौर पर ओडिशा समेत पूर्वी राज्यों में इस बार अत्यधिक ठंड पड़ने की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, नवंबर से फरवरी तक का समय विशेष रूप से समुद्र की ठंडी लहरों से प्रभावित होगा।
इस साल एक और अहम बात यह है कि मॉनसून का रिट्रीट देर से होगा। जहां सामान्यतः सितंबर के मध्य तक मॉनसून की विदाई हो जाती है, वहीं इस बार यह प्रक्रिया देर से होगी और सितंबर के आखिरी सप्ताह या उससे बाद तक जारी रह सकती है। इस साल भारत ने सामान्य मॉनसून से 108% बारिश दर्ज की है, जिसमें ओडिशा को औसत से ज्यादा बारिश मिली। इस मौसम ने मिट्टी को पूरी तरह नम कर दिया है और नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया है, जिससे ठंडी हवाओं का प्रभाव और भी गंभीर हो सकता है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस ला नीना प्रभाव से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जनजीवन पर ठंड का खासा असर पड़ेगा। खेती-बाड़ी प्रभावित हो सकती है क्योंकि खड़ी फसलें ठंड से खराब हो सकती हैं। बिजली आपूर्ति, सड़कों पर बर्फबारी और परिवहन सेवाओं में भी परेशानी बढ़ सकती है। विशेष रूप से बुजुर्ग और बच्चों के स्वास्थ्य पर सर्दी की मार पड़ने की आशंका है। ओडिशा सरकार ने पहले ही जरूरी तैयारी शुरू कर दी है। लोगों को कड़ी ठंड से बचने के उपाय अपनाने की सलाह दी जा रही है। स्वास्थ्य सेवाओं को विशेष अलर्ट पर रखा गया है ताकि सर्दी से जुड़ी बीमारियों का समय पर इलाज किया जा सके।