Personal Investment: क्या सेक्टोरल फंड्स में निवेश करना सही है? जानिए हर सवाल का जवाब...
मई महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में अब तक का सबसे अधिक निवेश हुआ। इसकी सबसे बड़ी वजह रही थीमैटिक व सेक्टोरल फंड्स में आए निवेश में 272% की मजबूत ग्रोथ। एम्फी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने इक्विटी फंड्स में 34,697 करोड़ रुपए का निवेश आया जिसमें अकेले थीमैटिक-सेक्टोरल फंड्स की हिस्सेदारी 19,213 करोड़ रुपए रही। यह इन फंड्स में आया अब तक का सबसे बड़ा मासिक निवेश है। मई में थीमैटिक व सेक्टोरल फंड श्रेणी में 15 लाख नए फोलियो जोड़े गए, इससे इन फंड्स में निवेश करने वाले लोगों की संख्या 1.90 करोड़ से बढक़र 2.05 करोड़ हो गई।
अगर आप किसी कॉमन थीम से जुड़े स्टॉक्स में निवेश करते हैं, तो उसे थीमैटिक कहा जाता है। मान लीजिए आर हाउसिंग थीम में निवेश कर रहे हैं, तो इसमें सीमेंट, स्टील, पेंट, हाउसिंग फाइनेंस आदि से जुड़ी कंपनियों में निवेश शामिल होता है। वहीं अगर आप किसी स्पेशल इंडस्टी, ग्रुप या सेक्टर के शेयरों में निवेश करते हैं, तो उन्हें सेक्टोरल फंड्स कहा जाता है। जैसे आइटी, बैंकिग, पीएसयू आदि।
निवेश सलाहकार कार्तिक झवेरी का कहना है कि थीमैटिक और सेक्टोरल फंड हर किसी के लिए नहीं हैं। ये फंड एक या कुछ सेक्टर या थीम पर उम्मीदें टिकाए रखते हैं। ऐसे में सतर्क रहकर ही निवेश करें। एक्सपर्ट विजय मंत्री ने बताया कि इन फंड्स में लोगों की रुचि की वजह अधिक रिटर्न है, लेकिन इनमें जोखिम भी सबसे अधिक है।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के हिमांशु श्रीवास्तव के अनुसार, चूंकि ये फंड साइक्लिकल हैं, इसलिए निवेशकों को सेक्टर की डायनामिक्स पर नजर रखने और अपने निवेश का समय तय करने में कुशल होना चाहिए। अगर निवेशक में ऐसी स्किल नहीं है या वे वित्तीय सलाहकार से सलाह लिए बिना इनमे निवेष करते हैं तो इसमें नुकसान हो सकता है। जैसे आइटी फंड्स ने 2024 में लोगों को 2% निगेटिव रिटर्न दिया है, वहीं पीएसयू फंड्स का रिटर्न इस दौरान ३६त्न रहा है।