सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बीआर गवई ने सोमवार को कहा कि भारतीय संविधान की उत्पत्ति का श्रेय डॉ. बीआर अंबेडकर को जाता है। उन्होंने कहा, यह केवल अंबेडकर के कारण ही संभव हुआ है कि मेरे जैसा व्यक्ति, जो अर्ध झुग्गी-झोपड़ी इलाके में एक नगरपालिका स्कूल में पढ़ता था, इस पद तक पहुंच सका। गौरतलब […]
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बीआर गवई ने सोमवार को कहा कि भारतीय संविधान की उत्पत्ति का श्रेय डॉ. बीआर अंबेडकर को जाता है। उन्होंने कहा, यह केवल अंबेडकर के कारण ही संभव हुआ है कि मेरे जैसा व्यक्ति, जो अर्ध झुग्गी-झोपड़ी इलाके में एक नगरपालिका स्कूल में पढ़ता था, इस पद तक पहुंच सका। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति गवई भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे हैं और यह पद संभालने वाले दलित समुदाय के दूसरे व्यक्ति होंगे।
अनुच्छेद 32 पर गोष्ठी
न्यायमूर्ति गवई ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि देश के लिए डॉ. अंबेडकर के योगदान का मतलब था कि झुग्गी-झोपड़ियों के स्कूलों में पढ़ने वाला व्यक्ति भी सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बन सकता है। जस्टिस गवई, जस्टिस एएस ओका के साथ अंबेडकर मेमोरियल लेक्चर में 'अनुच्छेद 32: इतिहास और भविष्य' विषय पर बोल रहे थे।