तमिलनाडु पुलिस ने यूट्यूबर फेलिक्स गेराल्ड को करूर रैली भगदड़ पर भ्रामक और भड़काऊ टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया। इस हादसे में 41 लोगों की मौत हुई थी।
Karur Stampede: तमिलनाडु पुलिस ने मंगलवार को फेमस यूट्यूबर फेलिक्स गेराल्ड (Felix Gerald) को 27 सितंबर को करूर में तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) नेता विजय की चुनावी रैली में हुई भगदड़ के बारे में अपमानजनक और भ्रामक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया। इस रैली में 41 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें कई महिलाएं और बच्चे शामिल थे।
पुलिस के अनुसार, गेराल्ड का हालिया वीडियो अशांति भड़काने और गलत सूचना फैलाने वाला था। इससे पहले, पुलिस ने चेतावनी दी थी कि भय पैदा करने वाली या सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने वाली सामग्री पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
करूर टाउन पुलिस ने गेराल्ड की गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले टीवीके के वरिष्ठ पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इनमें टीवीके के चुनाव अभियान प्रबंधन के महासचिव एन. आनंद उर्फ 'बुस्सी' आनंद, राज्य संयुक्त सचिव निर्मल कुमार और करूर पश्चिम जिला सचिव मथियाझगन शामिल हैं। मथियाझगन को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और उनसे विशेष पुलिस दल पूछताछ कर रहा है। करूर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 1 में दर्ज मामले में भारतीय दंड संहिता की पांच धाराओं का उल्लेख है, जिनमें लापरवाही से मौत और जन सुरक्षा आदेशों की अवहेलना शामिल है।
हादसे के बाद करूर पहुंचे मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने जवाबदेही सुनिश्चित करने का वादा किया। उन्होंने कहा, "हमने सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीशन के नेतृत्व में एक जांच आयोग गठित किया है। ऐसी त्रासदी दोबारा न हो, यह हमारा कर्तव्य है। अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई होगी।"
विपक्षी अन्नाद्रमुक नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने द्रमुक सरकार के भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा उपायों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, "प्रशासन निर्दोष लोगों की जान बचाने में विफल रहा। जांच पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए।"
टीवीके नेता विजय ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। हम जांच में सहयोग करेंगे और पीड़ितों के लिए न्याय और राहत सुनिश्चित करेंगे।" उनकी पार्टी ने शोक संतप्त परिवारों को आर्थिक सहायता का भी ऐलान किया है।
इस त्रासदी ने तमिलनाडु में राजनीतिक आयोजनों में सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ दी है। राज्य सरकार भीड़ प्रबंधन और सार्वजनिक समारोहों के लिए सख्त दिशानिर्देश तैयार कर रही है, जबकि विपक्ष स्वतंत्र निगरानी और जवाबदेही की मांग कर रहा है।