महाराष्ट्र में बाढ़ और तबाही के बीच बीजेपी ने उद्धव ठाकरे से दशहरा रैली रद्द कर उसका खर्च राहत कार्यों में लगाने की मांग की है।
महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ से तबाही मचने के बीच राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। BJP के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनकी पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली रद्द करने की मांग की है। उपाध्ये ने कहा कि रैली पर होने वाले खर्च को मराठवाड़ा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावितों की राहत के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यह मांग सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के जरिए की गई।
उपाध्ये ने कहा, "उद्धव ठाकरे ने हाल ही में मराठवाड़ा के पांच जिलों का दौरा किया और प्रभावितों की पीड़ा पर दुख जताया। लेकिन अब समय शोक मनाने का नहीं, बल्कि कार्रवाई का है। दशहरा रैली रद्द करके उसका खर्च बाढ़ पीड़ितों पर लगाएं, तभी उनकी सहानुभूति का मतलब बनेगा।" उन्होंने ठाकरे पर पुरानी सरकार के दौरान बाढ़ प्रबंधन में नाकामी का भी आरोप लगाया। "जब वे मुख्यमंत्री थे, तो घर बैठे रहे और कोई कदम नहीं उठाया। अब प्रायश्चित का समय है।"
मराठवाड़ा सहित महाराष्ट्र के कई हिस्सों में हाल के दिनों में भारी बारिश ने कहर बरपाया है। फसलों का नुकसान, घर-दुकानें बहना और सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं। ठाकरे गुट की दशहरा रैली की परंपरा बालासाहेब ठाकरे के जमाने से चली आ रही है, जो 2 अक्टूबर को मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित होने वाली है। बीएमसी ने हाल ही में इसकी अनुमति 25 शर्तों के साथ दी है, लेकिन अब बीजेपी की इस मांग ने राजनीतिक विवाद को नई ऊंचाई दे दी है।
शिवसेना (यूबीटी) की ओर से अभी इस मांग पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, पार्टी के करीबी सूत्रों का कहना है कि रैली परंपरा का हिस्सा है और इसे रद्द करने का कोई इरादा नहीं है। दूसरी ओर, बीजेपी नेता उपाध्ये ने ठाकरे की रैलियों पर तंज कसते हुए कहा कि ये अब वैचारिक दिशा खो चुकी हैं। "बाल ठाकरे जी के जमाने की रैलियां विचारों से भरी होती थीं, अब ये दोहराव मात्र हैं।"