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बंगाल-राजस्थान-कर्नाटक से पलायन अब भी सबसे ज्यादा, इन राज्यों के लोगों को अब अपने घर में ही मिलने लगा रोजगार

Now Employment Is Available At Home: रोजगार के लिए कई लोगों को मूल राज्य छोड़कर दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है, लेकिन 2011 से 2023 तक इस सिलसिले में 12 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

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Now Employment Is Available At Home: रोजगार के लिए कई लोगों को मूल राज्य छोड़कर दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है, लेकिन 2011 से 2023 तक इस सिलसिले में 12 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की रिपोर्ट में राज्यों की समृद्धि की तस्वीर पेश करते हुए कहा गया कि लोगों को अपने राज्य में रोजगार मिलने लगा तो उनके बाहर जाने की रफ्तार में कमी आई है। ‘400 मिलियन ड्रीम्स : एक्जामिनिंग वॉल्यूम एंड डायरेक्शंस ऑफ डोमेस्टिक माइग्रेशन इन इंडिया यूजिंग नोवेल हाई फ्रीक्वेंसी डेटा’ नाम की रिपोर्ट के मुताबिक पलायन करने वालों की संख्या करीब 40.21 करोड़ रह जाने का अनुमान है, जो 2011 की जनगणना के मुताबिक करीब 45.57 करोड़ थी।

ईएसी-पीएम के पूर्व अध्यक्ष बिबेक देबरॉय की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में कुल घरेलू पलायन धीमा हो रहा है। अनुमान है कि यह शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी जैसी बेहतर सेवाओं की उपलब्धता के साथ बेहतर आर्थिक अवसरों के कारण है। यह पूरी तरह आर्थिक विकास का संकेत है। रिपोर्ट में कहा गया कि अप्रेल-जून में सबसे ज्यादा लोग पलायन करते हैं, जबकि नवंबर-दिसंबर में यह आंकड़ा घट जाता है। सर्दियों में सबसे ज्यादा यात्रा शायद त्योहार और शादी के मौसम के कारण होती हैं।

बंगाल-राजस्थान-कर्नाटक से पलायन अब भी सबसे ज्यादा

रिपोर्ट में कहा गया कि अधिक से अधिक संख्या में पलायन करने वाले लोगों को (इंटर-स्टेट पलायन) आकर्षित करने वाले टॉप पांच राज्यों के स्ट्रक्चर में बदलाव आया है। पश्चिम बंगाल, राजस्थान और कर्नाटक ऐसे राज्य हैं, जहां आने वाले प्रवासियों की हिस्सेदारी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में पलायन करने वालों की हिस्सेदारी में कमी आई है। उत्तर प्रदेश से दिल्ली, गुजरात से महाराष्ट्र, तेलंगाना से आंध्र प्रदेश और बिहार से दिल्ली पहुंचने वाले प्रवासी ज्यादा हैं।

रिपोर्ट की खास बातें
-2023 में प्रवासी कामगारों की संख्या करीब 40.21 करोड़ रही, जो 2011 में करीब 45.57 करोड़ थी।
-13 साल में पलायन दर घटकर 28.88 प्रतिशत हुई।
-शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे की सेवाओं की उपलब्धता बढ़ी।
-अप्रेल-जून में होता है सबसे ज्यादा पलायन
-कुल पलायन में 48 प्रतिशत योगदान पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल का।

2023 तक किस राज्य में कहां के कितने प्रवासी


मूल राज्य - कर्मस्थली : प्रवासी कामगार
उत्तर प्रदेश - महाराष्ट्र : 11,66,753
उत्तर प्रदेश - दिल्ली एनसीआर : 9,19,207
बिहार - दिल्ली एनसीआर : 4,10,601
उत्तर प्रदेश - गुजरात : 3,74,311
बिहार - पश्चिम बंगाल : 3,15,180
राजस्थान - गुजरात : 2,04,967
मध्य प्रदेश - महाराष्ट्र : 1,95,855
राजस्थान - महाराष्ट्र : 1,80,959
राजस्थान - हरियाणा : 66,919
महाराष्ट्र - मध्य प्रदेश : 61,348
मध्य प्रदेश - राजस्थान : 61,303

Updated on:
23 Dec 2024 08:11 am
Published on:
23 Dec 2024 08:09 am
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