जम्मू-कश्मीर में प्राकृतिक आपदाओं और आतंकवाद पीड़ितों के लिए क्षतिग्रस्त मकानों का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में प्राकृतिक आपदाओं और आतंकवाद की मार झेल चुके परिवारों के लिए एक नई उम्मीद की किरण जगी है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की पहल पर हाई-रेंज रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (HRDS) इंडिया ने जम्मू-कश्मीर के दोनों संभागीय आयुक्तों के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत 'ऑपरेशन सिंदूर' के अंतर्गत बाढ़ और आतंकी हमलों में क्षतिग्रस्त मकानों का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
एचआरडीएस इंडिया इस पहल के तहत 1500 मुफ्त तीन-बेडरूम वाले स्मार्ट मकान बनाएगा, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे। ये मकान उन परिवारों के लिए बनाए जाएंगे, जिनके घर हाल की बाढ़ या आतंकी हमलों में नष्ट हो गए। इसके साथ ही, एचआरडीएस और आयुक्त आतंकवाद से प्रभावित परिवारों की पहचान करेंगे, जिनके घर आतंकियों ने तबाह किए।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा, "यह एक महत्वपूर्ण कदम है। हम बाढ़ और आतंकवाद से प्रभावित हर व्यक्ति को बेहतर भविष्य देना चाहते हैं। यह पहल जम्मू-कश्मीर और पूरे देश के लिए उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक कदम है।"
ऑपरेशन सिंदूर मई 2025 में भारत की एक सफल सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के जवाब में थी, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे। इसके बाद पाकिस्तान की जवाबी गोलाबारी से सीमा पर कई नागरिक हताहत हुए।
अगस्त 2025 में आई भीषण बाढ़ ने जम्मू क्षेत्र को तबाह कर दिया। 26 अगस्त को वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन में 32 लोगों की मौत हो गई, जबकि जम्मू में 380 मिमी बारिश से तवी नदी उफान पर आ गई। बेली चरण क्षेत्र में 20 से अधिक घर बह गए और हजारों लोग बेघर हो गए।
इस समझौते के तहत एचआरडीएस इंडिया न केवल मकान बनाएगा, बल्कि पीड़ित परिवारों को निम्नलिखित सुविधाएं भी प्रदान करेगा:
यह पहल न केवल पीड़ितों को आश्रय प्रदान करेगी, बल्कि उनके जीवन को बेहतर बनाने और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाएगी। सरकार का यह ऐलान जम्मू-कश्मीर के उन हजारों परिवारों के लिए बड़ी राहत साबित होने जा रहा है, जो आपदा और आतंकवाद की दोहरी मार झेल चुके हैं।