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NEET Exam: पैसे से खरीदी जा सकती है परीक्षा प्रणाली: राहुल

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान नीट परीक्षा को लेकर कांग्रेस के मणिक्कम टेगौर ने सवाल पूछा था। इस पर प्रधान ने कहा कि एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) के गठन के बाद 240 से अधिक परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई है। इनमें 5 करोड़ से ज्यादा छात्रों ने आवेदन किया और 4.5 करोड़ से ज्यादा छात्रों ने इसमें भाग लिया।

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संसद के बजट सत्र के पहले ही दिन लोकसभा में नीट यूजी परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर जमकर हंगामा हुआ। प्रश्नकाल में शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के जवाबों से असंतुष्ट होकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि परीक्षा गड़बड़ी को लेकर मंत्री ने खुद को छोडक़र बाकी सभी को दोषी ठहराया है। राहुल ने कहा कि आज स्टूडेंट्स को लगता है कि यदि उनके पास पैसा है तो परीक्षा प्रणाली को खरीदा जा सकता है। ऐसी परीक्षा प्रणाली फ्रॉड है। वहीं प्रधान ने कहा कि पिछले 7 सालों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है। नीट मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। उन्होंने कहा कि देश की परीक्षा प्रणाली फ्रॉड बताना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी निंदा की जानी चाहिए। दरअसल, लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान नीट परीक्षा को लेकर कांग्रेस के मणिक्कम टेगौर ने सवाल पूछा था। इस पर प्रधान ने कहा कि एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) के गठन के बाद 240 से अधिक परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई है। इनमें 5 करोड़ से ज्यादा छात्रों ने आवेदन किया और 4.5 करोड़ से ज्यादा छात्रों ने इसमें भाग लिया।

पेपर लीक का रिकॉर्ड जरूर बनाएगी यह सरकार : अखिलेश यादव

इस पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज करते हुए कहा कि यह सरकार कुछ और करे या न करे, लेकिन पेपर लीक का रिकॉर्ड जरूर बनाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ सेंटर तो ऐसे हैं, जहां 2000 से ज्यादा छात्र पास हुए हैं। वहीं राहुल गांधी ने कहा कि पेपर लीक से लाखों छात्र चिंतित हैं। उन्हें लगने लगा है कि भारत की परीक्षा प्रणाली एक धोखाधड़ी है। लाखों लोग मानते हैं कि यदि आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है, तो आप भारत की परीक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं और यही भावना विपक्ष की भी है।

परीक्षा प्रणाली को फ्रॉड बताना दुर्भाग्यपूर्ण-प्रधान

धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष के सांसदों से कहा कि चिल्लाने से सच झूठ नहीं हो जाएगा। जिन्होंने रिमोट से सरकारें चलाई हैं, उन्हीं के पार्टी के नेता कपिल सिब्बल 2010 में शिक्षा सुधार के तीन बिल लाए थे। उनमें से एक था प्रोहिबिशन ऑफ अनफेयर प्रैक्टिस बिल, जिसका उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों में अनियमितता पर अंकुश लगाना था। यह मेरी सरकार की हिम्मत है कि हम हाल ही में सार्वजनिक परीक्षाओं में होने वाली धांधली को रोकने के लिए कानून लेकर आए। क्या मजबूरी थी कि तब उनकी पार्टी ने प्रोहिबिशन ऑफ अनफेयर प्रैक्टिस बिल का विरोध किया था।

Updated on:
23 Jul 2024 07:40 am
Published on:
23 Jul 2024 07:37 am
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