Pakistan Tahawwur Rana : तहव्वुर राणा साल 2008 के मुंबई में हुए भीषण आतंकी हमले में वांछित है। तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई व्यवसायी है। उस पर मुंबई के साथ ही डेनमार्क में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की नाकाम साजिश रचने का भी दोषी ठहराया।
Pakistan Tahawwur Rana : मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा को कैलिफोर्निया की अदालत ने प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत भेजने फैसला सुना दिया है। यह फैसला वहां की जिला अदालत का है। ऐसे में अभी कानूनी रास्ता बहुत लंबा है। राणा के पास वहां भी आगे की अदालत में अपील करने के लिए का विकल्प है। इतना ही नहीं भारत आते ही राणा को तुरंत फांसी पर नहीं चढ़ाया जा सकेगा।
इसी केस के ही आतंकी अजमल कसाब की तरह उससे पहले पूछताछ होगी। फिर उस पर केस चलेगा और फिर उसकी सजा मुकर्रर की जाएगी। आतंकी अजमल कसाब के केस में करीब चार साल लगे थे। ऐसे में राणा के केस में भी चार साल लग सकते हैं। सबसे बड़ी बात की कनाडा भी प्रत्यर्पण की राह में मुश्किल खड़ा कर सकता है।
अभी तहव्वुर हुसैन राणा की उम्र 63 साल है। ऐसे में अगर उसने आगे की अदालत में अपील की जोकि तय है कि होगी। ऐसे में केस लंबा खींच जाएगा। फिर भी तीन चार साल बाद अगर वह अदालत भी प्रत्यर्पण के लिए कहती है तो वह उम्र 65 के पार की होगी। फिर भारत में अगर चार से पांच साल मामला चला तो इस बात की पूरी संभावना है कि वह जेल से फांसी के तख्ते तक ही न पहुंचे।
तहव्वुर राणा साल 2008 के मुंबई में हुए भीषण आतंकी हमले में वांछित है। तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई व्यवसायी है। उस पर भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए आतंकी हमले में शामिल आतंकी संगठन को मदद देने के भी गंभीर आरोप हैं। अदालत ने तहव्वुर हुसैन राणा को विदेशी आतंकी संगठन को सहायता प्रदान करने के अलावा डेनमार्क में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की नाकाम साजिश रचने का भी दोषी ठहराया।
बता दें कि साल 2008 में पाकिस्तान से नाव के जरिए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी मुंबई में दाखिल हुए थे। उन आतंकियों ने करीब 60 घंटे तक मुंबई को बंधक बनाए रखा था। इस दौरान आतंकियों ने 160 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी थी। इस घटना में 26 विदेशी नागरिक भी मारे गए थे। इस हमले से पूरा देश स्तब्ध रह गया।
सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए नौ आतंकियों को मार गिराया। जबकि, एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया। जिसे बाद में फांसी की सजा सुनाई गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तानी सेना में पूर्व चिकित्सा अधिकारी तहव्वुर हुसैन राणा 1990 में कनाडा चला गया था। शिकागो जाने से पहले वह कनाडा का नागरिक बन गया।