भगदड़ के हाथ नहीं होते, पैर होते हैं। लोग कुचले चले जाते हैं। हर साल भारत में भगदड़ से सैकड़ों लोगों की मौत होती है। मृतकों के परिजन सरकार से हर बार एक ही सवाल करते हैं, 'मेरे नुकसान की भरपाई कौन करेगा', लेकिन सरकार इस सवाल से हर बार पल्ला झाड़ लेती है।
इस साल देश भर में भीगदड़ (stampede) के कारण 80 से अधिक लोगों की मौत हुई है। ताजा मामला पुरी जगन्नाथ यात्रा (Jagannath Yatra) से जुड़ा है। पुरी में भगदड़ में तीन लोगों की मौत हुई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए। पुरी में हुई भगदड़ की घटना को लेकर मृतकों के परिजनों ने सुरक्षा की कमी और व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि हमारे नुकसान की भरपाई कौन करेगा।
पुरी भगदड़ में मारी गईं 42 वर्षीय बसंती साहू के पति दिलीप साहू ने कहा कि सुबह चार बजे दर्शन शुरू होने के बाद जब रथ के पास भीड़ उमड़ी तब वहां किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं थी। जब भक्त एक तरफ से जा रहे थे तब दूसरी तरफ से अचानक भीड़ आ गई। इससे अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। इस दौरान कोई भी पुलिसकर्मी नहीं था। वहीं, भगदड़ में मारी गईं प्रवति के पति ने कहा कि अगर मौके पर एंबुलेंस की सुविधा होती तो शायद मेरी पत्नी बच जाती। उन्होंने कहा कि मेरे नुकसान भरपाई कौन करेगा।
स्थानीय लोगों ने कहा कि रात भर बड़ी भीड़ जमा होने के बावजूद, दर्शन जल्दी (लगभग आधी रात को) बंद कर दिए गए। जो लोग रात में दर्शन नहीं कर पाए, वे सुबह तक रथों के पास इंतजार करते रहे। 'पहाड़ा भंगा' की रस्म शुरू होते ही भीड़ अचानक बढ़ गई। इससे भगदड़ मच गई। उन्होंने कहा कि इससे पहले शुक्रवार को भीड़ और उमस के चलते 750 श्रद्धालु बीमार पड़ गए थे, जिनमें से 12 को ICU में एडमिट किया गया था।
ओडिशा की सरकार ने पुरी भगदड़ मामले में प्रशासनिक जांच के आदेश दिए हैं। पुरी कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन और पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल को हटा दिया गया है। दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित भी किया गया है। सीएम मोहन माझी (CM Mohan) ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए देने की घोषणा की है।
इससे पहले चार जून को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भगदड़ में 11 लोग मारे गए और लगभग 30 लोग घायल हो गए। RCB के IPL के 18 वां सीजन जीतने पर परेड का आयोजन किया गया था। व्यापक तौर पर इंतजाम नहीं होने के कारण भीड़ अनियंत्रित हो गई। इस भगदड़ में जान गंवाने वाले सभी युवा थे। इस हादसे में मारे गए मनोज कुमार (18) के पिता ने सरकार के मुआवजे पर कहा कि मैं 1 करोड़ रुपए देने को तैयार हूं। क्या इससे मेरा बेटा वापस आ जाएगा?
3 मई, 2025: गोवा में श्री लैराई देवी मंदिर में भगदड़ के कारण 6 लोगों की मौत।
15 फरवरी, 2025: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के कारण 18 लोगों की मौत।
29 जनवरी, 2025: प्रयागराज के महाकुंभ में भगदड़ में 30 लोगों की मौत, 60 घायल।
8 जनवरी 2025: आंध्र प्रदेश के तिरुमाला में भगदड़ में 6 लोगों की मौत।
2 जुलाई 2024: यूपी के हाथरस में भगदड़ में 100 से अधिक लोगों की मौत।
31 मार्च 2023: इंदौर में भगदड़ में 36 लोगों की मौत।
1 जनवरी 2022: जम्मू के वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ में 12 लोगों की मौत, 12 से अधिक घायल।
देश में हर बार भगदड़ पर सिर्फ सियासी रोटियां सेकी गई हैं। पुरी, नई दिल्ली और प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ में हुई मौत पर कांग्रेस हमलावर रही, तो दूसरी तरफ कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक के बेंगलुरु में हुई भगदड़ पर भाजपा के नेताओं ने निशाना साधा।
ओडिशा हादसे पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने X पर लिखा- यह त्रासदी एक गंभीर चेतावनी है। ऐसे बड़े आयोजनों के लिए सुरक्षा व भीड़ प्रबंध की तैयारियों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
ओडिशा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व सूबे के पूर्व सीएम नवीन पटनायक ने कहा कि भगदड़ में हुई मौत भाजपा सरकार की अक्षमता साबित करती है।
यूपी के प्रयागराज मामले पर अपनी सरकार का बचाव करने वाले भाजपा के नेताओं ने कर्नाटक की सिद्धरामय्या सरकार पर जमकर निशाना साथा था। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि सीएम सिद्धरामय्या प्रयागराज स्टैंपेड से तुलना करके अपने जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते हैं।