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‘अपमानजनक, अशिष्ट’: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर राहुल गांधी ने जारी किया असहमति नोट

Rahul Gandhi's Dissent Note on CEC Appointment: ज्ञानेश कुमार इस साल के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव और अगले साल बंगाल, असम और तमिलनाडु में होने वाले चुनावों के संचालन की देखरेख करेंगे।

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Feb 18, 2025
Rahul Gandhi's dissent note on Chief Election Commissioner appointment

Rahul Gandhi's Dissent Note on CEC Appointment: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) की नियुक्ति की प्रक्रिया पर कड़ी असहमति जताई और चयन समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश को बाहर करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले की आलोचना की। राहुल गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करके और चयन समिति से मुख्य न्यायाधीश को हटाकर सरकार ने हमारी चुनावी प्रक्रिया की ईमानदारी पर करोड़ों मतदाताओं की चिंताओं को और बढ़ा दिया है।

मोदी सरकार नेकरोड़ों मतदाताओं की चिंताओं को बढ़ा दिया- राहुल


राजीव कुमार की जगह 17 फरवरी को सरकार ने ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली समिति का हिस्सा लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष ने अपना असहमति पत्र प्रस्तुत करते हुए चयन प्रक्रिया को अपमानजनक और अशिष्ट बताया। कांग्रेस नेता ने अपने असहमति नोट में कहा, "सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करके और भारत के मुख्य न्यायाधीश को समिति से हटाकर मोदी सरकार ने हमारी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता पर करोड़ों मतदाताओं की चिंताओं को बढ़ा दिया है।"

'नए CEC का आधी रात को चयन कर SC को दी चुनौती'

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नोट में आगे कहा गया है कि बाबासाहेब अंबेडकर के आदर्शों को कायम रखना और सरकार को जवाबदेह ठहराना उनका कर्तव्य है। नोट में लिखा है, "विपक्ष के नेता के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि मैं बाबासाहेब अंबेडकर और हमारे देश के संस्थापक नेताओं के आदर्शों को कायम रखूं और सरकार को जवाबदेह ठहराऊं। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की ओर से नए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए आधी रात को निर्णय लेना अपमानजनक और अशिष्टतापूर्ण है, जबकि समिति की संरचना और प्रक्रिया को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी जा रही है और इस पर अड़तालीस घंटे से भी कम समय में सुनवाई होनी है।"

CEC Gyanesh Kumar

ज्ञानेश कुमार कौन हैं?

ज्ञानेश कुमार इस साल के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव और अगले साल बंगाल, असम और तमिलनाडु में होने वाले चुनावों के संचालन की देखरेख करेंगे। केरल कैडर के 1988 बैच के IAS अधिकारी ज्ञानेश कुमार तीन सदस्यीय पैनल के दो आयुक्तों में से वरिष्ठ हैं, जिसका नेतृत्व राजीव कुमार ने किया था, जब तक कि उन्होंने आज सुबह पद नहीं छोड़ दिया। पैनल के दूसरे आयुक्त उत्तराखंड कैडर के अधिकारी सुखबीर सिंह संधू हैं। 61 वर्षीय ज्ञानेश कुमार इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय में कार्यरत थे ।

ज्ञानेश कुमार ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने और राम मंदिर में भी निभाई जिम्मेदारियों

ज्ञानेश कुमार की प्रमुख जिम्मेदारियों में अगस्त 2019 में जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने वाले विधेयक का मसौदा तैयार करने में मदद करना और पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करना शामिल था। उस समय वह गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (कश्मीर संभाग) थे। एक वर्ष बाद, गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में ज्ञानेश कुमार ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के बारे में सुप्रीम कोर्ट के मामले से संबंधित दस्तावेजों को भी संभाला।

अमित शाह के करीबी हैं ज्ञानेश कुमार

जानकारी के अनुसार, ज्ञानेश कुमार को गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। वे पिछले साल जनवरी में सहकारिता मंत्रालय के सचिव के रूप में सिविल सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे, जिसका नेतृत्व भी अमित शाह करते हैं। इससे पहले वे संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव के पद पर भी कार्यरत थे। कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में उन्हें रक्षा मंत्रालय में तैनात किया गया था।

कितने पढ़े लिखे हैं ज्ञानेश कुमार

ज्ञानेश कुमार ने कानपुर में भारतीय इंजीनियरिंग संस्थान से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री प्राप्त की है, और उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट्स ऑफ इंडिया से बिजनेस फाइनेंस की भी पढ़ाई की है। इसके अलावा, उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पर्यावरण अर्थशास्त्र की भी पढ़ाई की है।

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