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जीवित रहते निकाली अपनी शव यात्रा, बुजुर्ग ने जो वजह बताई उसे जानकर हैरान रह जाएंगे आप

गयाजी में एक बुजुर्ग ने जीते जी अपनी शव यात्रा निकाली। उन्होंने कहा कि वह यह देखना चाहते थे कि उनकी अंतिम यात्रा में कौन-कौन लोग शामिल होते हैं।

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Oct 13, 2025
गयाजी में बुजुर्ग ने निकाली शव यात्रा

बिहार के गयाजी जिले से अजीबोगरीब घटना सामने आई है। यहां वायु सेना के भूतपूर्व जवान ने जीवित रहते ही अपनी शव यात्रा निकाली। बैंडबाजे और राम नाम सत्य है कि गूंज के बीच अर्थी पर लेटे हुए मुक्तिधाम पहुंचे। गयाजी जिले के कोंची गांव निवासी जवान मोहन लाल ने कहा कि वह यह देखना चाहते थे कि उनकी अंतिम यात्रा में कौन-कौन लोग शामिल होते हैं।

'देखना चाहता था कि कितने लोग आते हैं'

उन्होंने कहा कि मरने के बाद लोग अर्थी उठाते हैं, लेकिन मैं चाहता था कि यह दृश्य मैं खुद देखूं और जान सकूं कि लोग मुझे कितना सम्मान और स्नेह देते हैं। उनके इस कदम की चर्चा आग की तरह फैल गई, गांव के सैकड़ों लोग इस अनोखी यात्रा में शामिल हुए। मुक्तिधाम पहुंचने के बाद उनका प्रतीकात्मक पुतला जलाया गया और सामूहिक प्रीतिभोज का आयोजन किया गया।

गांव में बनवाया मुक्तिधाम

वहीं, गांव के लोगों ने बताया कि बारिश के दिनों में शवदाह में होने वाली दिक्कत को देखते हुए मोहन लाल ने अपने खर्च से गांव में सुविधायुक्त मुक्तिधाम बनवाया। उन्होंने कहा कि मोहनलाल का यह कदम पूरे इलाके के लिए प्रेरणास्रोत है।

कहां है मोहनलाल का परिवार?

मोहनलाल ने बताया कि मेरे दो बेटे और एक बेटी है। एक बेटा दीपक डॉक्टर है। उन्होंने कहा कि वह कलकत्ता में काम करता है, जबकि दूसरा बेटा विश्वप्रकाश टीचर है। उन्होंने कहा कि बेटी गुड़िया की शादी हो चुकी है। वह धनबाद में अपने परिवार के साथ रहती है। मोहन ने कहा कि पत्नी जीवन ज्योति की मृत्यु 14 साल पहले हो गई।

Published on:
13 Oct 2025 08:13 am
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