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Independence: भारत का ये एकमात्र शहर 15 नहीं बल्कि 16 अगस्त को मनाता है स्वतंत्रता दिवस, चौंकाने वाली है वजह

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 33 किलोमीटर दूर स्थित नगर में 16 अगस्त को आजादी का जश्न मनाने की परंपरा है। ये परंपरा 1947 से चली आ रही है और आजतक कायम है। 16 अगस्त को आजादी मनाने के पीछे के कारण को जानने के लिए ठियोग की आजादी के इतिहास को करीब से जानना होगा।

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Independence Day: पूरा देश 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है, लेकिन देश का एक हिस्सा ऐसा भी है जो 15 नहीं बल्कि 16 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है। दरअसल, लगभग 200 साल की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था। 15 अगस्त 2024 ने अपनी आजादी के 78 सालों का जश्न मनाया। देश के कोने-कोने में खुशी और उल्लास का दिन था। हमारा देश जितना खास है उससे भी कहीं ज्यादा खास हैं, हमारे यहां की कहानियां… और ऐसी ही एक कहानी है हिमाचल प्रदेश के एक शहर की जहां 15 नहीं बल्कि 16 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 33 किलोमीटर दूर स्थित ठियोग में 16 अगस्त को आजादी का जश्न मनाया जाता है। यह परंपरा 1947 से चली आ रही है और आजतक वहां के लोगों इसे मानते है। 16 अगस्त को आजादी मनाने के पीछे के कारण को जानने के लिए ठियोग की आजादी के इतिहास को करीब से जानना होगा।

ठियोग की आजादी की कहानी

देश जब आजाद हुआ था तब भी कई रियासतों में बटा हुआ था। साल 1946 में आजादी के एक साल पहले देश की 360 रियासतों को राजाओं और निजामों से मुक्त करवाने के लिए लड़ाई लड़ रहा था। इन्हीं रियासतों में से एक ठियोग की भी रियासत थी। जिसको आजाद करवाने की जंग भी जोरों शोरों से चल रही थी। यहां के लोगों ने उस समय के राजा के खिलाफ एक बड़ा विद्रोह किया था। 16 अगस्त 1947 को लोग ठियोग में राजा कर्मचंद के महल के बाहर इकट्ठे हो गए और जनता के दबाव में राजा को गद्दी छोड़नी पड़ी। जिसके बाद आखिरकार 16 अगस्त को ठियोग को आजादी मिल गई। ठियोग में 16 अगस्त को देश की पहली डेमोक्रेटिक सरकार बनी थी। उसके बाद से ही ठियोग में 16 अगस्त को आजादी का जश्न मनाया जाता है।

ठियोग में आजादी का जलसा

यहां स्वतंत्रता दिवस को ‘जलसा’ फेस्टिवल के नाम से जाना जाता है। आजादी के बाद, प्रजामंडल के प्रधानमंत्री सूरत राम प्रकाश बने और इनके साथ गृह मंत्री बुद्धिराम वर्मा, शिक्षा मंत्री सीताराम वर्मा समेत लगभग आठ नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी। थियोग मे 15 और 16 अगस्त दो दिन चलता है। इन दो दिनों में पूरे शहर को दुल्हन कि तरह सजा दिया जाता है और कई तरह की खेल कूद प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है। साथ ही आजादी की जंग में अपनी जान न्योछावर करने वाले लोगों को भी जलसे वाले दिन याद किया जाता है। पूरी ठियोग की जनता इस दिन ऐतिहासिक पोटेटो ग्राउंड जाती है और वहां पर तरह-तरह के कार्यक्रम होते हैं। जलसा पर्व के लिए ठियोग में हर साल 16 अगस्त की लोकल छुट्टी रहती है।

Updated on:
16 Aug 2024 05:16 pm
Published on:
16 Aug 2024 05:15 pm
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