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उत्तराखंड में बादल फटने की त्रासदी पर प्रियंका गांधी को क्यों आई वायनाड की याद, ऐसे हादसों को रोकने पर क्या की टिप्पणी?

Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में हुए हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने ऐसी प्राकृतिक आपदाओं को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाने की बात कही।

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Aug 06, 2025
उत्तराखंड हादसे पर प्रियंका गांधी ने जताया दुःख (X/ANI)

Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने से हुई भयावह त्रासदी ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। खीर गंगा नदी में अचानक आए सैलाब और मलबे ने धराली के बाजार, घरों और होटलों को तहस-नहस कर दिया। इस घटना पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने गहरा दुख व्यक्त किया और इसे हिमाचल प्रदेश और वायनाड में हाल ही में हुई ऐसी ही त्रासदियों से जोड़ा।

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वायनाड की त्रासदी से जोड़ा कनेक्शन

प्रियंका गांधी ने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा, "यह बहुत ही दुखद घटना है। मैंने टीवी पर देखा, यह बेहद हृदयविदारक है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और वायनाड में ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं।" उन्होंने वायनाड की हालिया आपदा का जिक्र करते हुए कहा कि इन प्राकृतिक आपदाओं की आवृत्ति चिंताजनक है। वायनाड में हाल ही में भूस्खलन और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी, जिसमें कई लोगों की जान गई थी और संपत्ति को व्यापक नुकसान हुआ था।

वायनाड हादसे में 100 से ज्यादा लोगों की मौत

2024 में केरल के वायनाड में हुए हादसे में करीब 22 हजार की आबादी वाले 4 गांव को तबाह हो गए थे। सैकड़ों लोग मलबे में दब गए। लगभग 156 लोगों की मौत होने की खबर है और लगभग 100 लोग लापता हुए थे।

बचाव के लिए बेहतर रणनीति की जरुरत

प्रियंका गांधी ने ऐसी प्राकृतिक आपदाओं को रोकने के लिए एक व्यापक रणनीति की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "हमें ऐसी घटनाओं को बार-बार होने से रोकने के लिए एक व्यापक रणनीति बनानी होगी।" उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने, अनियोजित निर्माण पर रोक लगाने और मौसम विज्ञान के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने की दिशा में काम करना चाहिए।

धराली में त्रासदी का मंजर

उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने से खीर गंगा नदी में अचानक बाढ़ आ गई। महज 20-34 सेकंड में तेज बहाव और मलबे ने गांव के बाजार, होटल और घरों को खत्म कर दिया। इस हादसे में चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 50-60 लोग लापता हैं। सेना, NDRF, SDRFऔर स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।

PM मोदी ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस त्रासदी पर दुख जताया और राहत कार्यों की निगरानी की बात कही। धामी ने देहरादून में आपदा कंट्रोल रूम में बैठक कर स्थिति का जायजा लिया, जबकि अमित शाह ने उत्तराखंड के सांसदों के साथ चर्चा कर केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

Published on:
06 Aug 2025 12:24 pm
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