IFS Sanjiv Chaturvedi: उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति आलोक वर्मा ने वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी और व्हिसलब्लोअर संजीव चतुर्वेदी द्वारा केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) और उसकी रजिस्ट्री के सदस्यों के खिलाफ दायर अवमानना याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। इसके साथ ही संजीव चतुर्वेदी के मामलों की सुनवाई से खुद को अलग करने वाले न्यायधीशों की संख्या 16 हो गई।
IFS Sanjiv Chaturvedi: भ्रष्टाचार की रोकथाम और प्रशासनिक तंत्र में शुचिता के लिए व्हिसल ब्लोअर अधिकारी के रूप में चर्चित हरियाणा के भारतीय वन सेवा (IFS) के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी (Sanjiv Chaturvedi) के न्यायिक मामले सुनने से जज परहेज करते दिख रहे हैं।
चौंकाने वाला आंकड़ा है कि अलग-अलग मामलों में सुप्रीम कोर्ट से लेकर ट्रिब्युनल तक 16 जजों ने चतुर्वेदी की ओर से दायर मामलों में सुनवाई से खुद को अलग (रिक्यूज) कर लिया, यानी मामला वह नहीं सुनेंगे किसी और बेंच में लगाया जाए। संभवत: किसी एक व्यक्ति के मुकदमों पर देश में रिक्यूज का यह रेकॉर्ड है।
संजीव चुतर्वेदी का क्या है नया मामला?
ताजा मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आलोक वर्मा ने चतुर्वेदी की ओर से केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) और उसकी रजिस्ट्री के सदस्यों के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। गत माह ही इसी मामले में जस्टिस रवींद्र मैथानी ने रिक्यूज करते हुए मुकदमा सुनने से इनकार कर दिया था।
क्यों चर्चा में रहते हैं संजीव चतुर्वेदी?
मूलत: हरियाणा कैडर के 2002 बैच के आइएफएस अधिकारी चतुर्वेदी इन दिनों उत्तराखंड के नैनीताल जिले में वानिकी प्रशिक्षण संस्थान, हल्द्वानी के निदेशक हैं। उन्होंने हरियाणा में वन विभाग में रहते हुए उच्च पदों पर भ्रष्टाचार का खुलासा किया। बाद में दिल्ली के एम्स में मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) के रूप में गड़बडि़यां पकड़ीं। वह प्रशासन तंत्र में अनियमितताओं को भी उजागर करते हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने वर्ष 2015 में नौकरशाह और मैगसेसे पुरस्कार विजेता संजीव चतुर्वेदी की तरफ से दान में दिए गए 30000 डॉलर को लेने से मना कर दिया है। इसकी वजह यह बताई गई थी कि शर्तों के साथ दिए गए दान को स्वीकार नहीं किया जाता। हालांकि संजीव चतुर्वेदी ने यह कहा था कि उन्होंने दान की राशि देने को लेकर कोई शर्त नहीं लगाई।
रिक्यूज के प्रमुख मामले
नवंबर 2013 - सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रंजन गोगोई ने रिक्यूज किया, मामला सीएम व अफसरों पर भ्रष्टाचार की सीबीआइ जांच की मांग का
अगस्त 2016 - सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित ने खुद को सुनवाई से अलग किया, मामला भ्रष्टाचार की जांच की मांग
अप्रैल 2018 - शिमला कोर्ट ने संजीव के खिलाफ मानहानि मामले से किया रिक्यूज
मार्च 2019 - कैट के चेयरमैन एन रेड्डी ने संजीव की तबादला याचिका पर सुनवाई से इनकार
फरवरी 2021 - कैट दिल्ली के जज ने सेवा संबंधी मामले में किया रिक्यूज
मई 2023 - नैनीताल हाई कोर्ट के जज ने सुनवाई से किया इनकार
नवंबर 2023 - कैट की बेंच सुनवाई से अलग
फरवरी 2024 - हाईकोर्ट जस्टिस मनोज तिवारी ने प्रतिनियुक्ति मामले में रिक्यूज किया
फरवरी 2025 - कैट के दो जजों ने सुनने से इनकार किया
अप्रैल 2025 -एसीजेएम ने रिक्यूज किया
सितंबर 2025 - हाईकोर्ट जज ने किया रिक्यूज