Article 370 हटाए जाने के बाद वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के सीएम व नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को घर में नजरबंद कर दिया गया था। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने की जानकारी टीवी के जरिए मिली थी।
Article 370: आज जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से धारा 370 हटाए जाने की छठवीं बरसी है। इसे लेकर कयासों के दौर लगाए जा रहे हैं कि क्या मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देगी। सीएम उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने भी कहा कि मेरी गट फीलिंग कहती है कि आज कुछ बुरा नहीं होगा, लेकिन कुछ सकारात्मक भी नहीं होगा। धारा 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के सीएम व NC नेता उमर अब्दुल्ला महीनों तक नजरबंद रहे थे।
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एक इंटरव्यू के दौरान जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने बताया कि जब धारा 370 हटाए जाने की जानकारी टीवी से मिली थी। उन्होंने कहा कि जब धारा 370 हटाया जाने वाला था, उससे कुछ घंटे पहले मुझे और जम्मू-कश्मीर के बड़े नेताओं को घर में नजरबंद कर दिया गया था। उमर ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई से हमें अंदेशा हो गया था कि कुछ बड़ा होने वाला है। लेकिन, मोदी सरकार धारा 370 हटा देगी, 35A समाप्त कर देगी, जम्मू कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा समाप्त कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट देगी। इसका अंदेशा नहीं था।
अब्दुल्ला ने कहा कि जब धारा 370 हटाई गई, उस वक्त मैं घर में था। शाम को हमें कहीं और शिफ्ट कर दिया गया। जहां मीडिया की पहुंच नहीं थी। उन्होंने कहा कि गेस्ट हाउस में मुझे और महबूबा मुफ्ती को रखा गया। यहां मुझे हिदायत दी गई कि मैं मुफ्ती से बात न करूं। इसके बाद मैंने सुरक्षा अधिकारियों से पूछा कि क्या मैं बाहर टहल सकता हूं। तो अधिकारियों ने जवाब दिया कि दिन में एक दो घंटा टहल सकते हैं। इस पर मैंने कहा कि आप मुफ्ती जी से पूछ लिजिए वह बाहर लॉन में कब टहलेंगी। इसके कुछ देर बाद महबूबा मुफ्ती को वहां से हटा दिया गया।
अब्दुल्ला ने 5 अगस्त 2019 और नजरबंदी के दिनों को याद करते हुए कहा कि उस समय ईद के दौरान मैंने सुरक्षा अधिकारियों से कहा कि ईद के मौके पर मुझे अपने लोगों से मिलने दिया जाए, लेकिन उन्होंने मिलने नहीं दिया। उमर ने कहा कि धारा 370 जब हटाया गया उसके बाद कई सुरक्षा अधिकारियों ने मुझे काफी तंग किया। वह जिस हद तक परेशान कर सकते थे, उन्होंने परेशान किया। अब्दुल्ला ने कहा कि उस समय जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को शायद कुछ नहीं पता था। उन्होंने खुद इस बात के बारे में बयान दिया था।