नई दिल्ली

समुद्र के तल में सबसे गहरा छेद कर खोजी अनोखी चट्टान

उत्तरी अटलांटिक महासागर में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की टीम का कारनामा

less than 1 minute read
Aug 10, 2024

वॉशिंगटन. अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की टीम ने पृथ्वी की दूसरी परत (मेंटल) में अब तक का सबसे गहरा छेद कर अनोखी चट्टान का नमूना हासिल किया है। दावा किया जा रहा है कि इससे अरबों साल पहले पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के बारे में अहम सुराग मिल सकते हैं।नेचर जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक ज्वालामुखी जैसी घटनाओं के बारे में अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने समुद्री ड्रिलिंग जहाज का इस्तेमाल कर अटलांटिक समुद्र तल से पृथ्वी की मेंटल में 1,268 मीटर गहरा छेद किया। टीम में शामिल जापानी वैज्ञानिक नत्सु आबे का कहना है कि इतनी गहराई पर जो चट्टान मिली, वह दूसरी चट्टानों से एकदम अलग है। इसमें खनिज पाइरोक्सिन की मात्रा कम और मैग्नीशियम की मात्रा अनुमान से ज्यादा है। इससे पता चलता है कि पृथ्वी का आवरण पहले से कहीं ज्यादा पिघल रहा है। इससे लावा बनता है और ज्वालामुखी फटता है।

पानी का रिसाव और रासायनिक कंपाउंड

उत्तरी अटलांटिक महासागर के मध्य के इलाके में पृथ्वी का आवरण खुला रहता है। इसीलिए वैज्ञानिकों ने गहरे छेद के लिए यह इलाका चुना। वैज्ञानिकों की योजना पहले समुद्र तल में 200 मीटर गहरे छेद की थी, लेकिन इतनी गहराई पर कोई नमूना नहीं मिलने पर उन्होंने आगे ड्रिलिंग जारी रखी। इस इलाके में समुद्री पानी मेंटल में गहराई तक रिसता है। गर्म तापमान के कारण मीथेन जैसे रासायनिक कंपाउंड बनते हैं।

ज्वालामुखियों के पोषण का भी पता चलेगा

विशेषज्ञों का मानना है कि पृथ्वी पर जीवन हाइड्रोथर्मल वेंट के पास समुद्र की गहराई में शुरू हुआ। गहराई वाले ऐसे क्षेत्रों के अध्ययन से उन हालात के बारे में जानने में मदद मिल सकती है, जिनसे जीवन की शुरुआत हुई। शोधकर्ताओं के मुताबिक इन क्षेत्रों से यह भी पता लगाया जा सकता है कि पिघली हुई चट्टानें समुद्री ज्वालामुखियों को कैसे पोषण देती हैं।

Published on:
10 Aug 2024 01:48 am
Also Read
View All

अगली खबर