-तुष्टिकरण से ज्यादा खतरनाक ध्रुवीकरण -उत्तर प्रदेश के कांग्रेस के प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू -राहुल-प्रियंका का रामजन्मभूमि जाने से परहेज नहीं -देश केकण-कण और हर इंसान के दिलों में बसे हैं प्रभु राम है
शादाब अहमद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कांग्रेस के प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने कहा कि कांग्रेस ही अकेली पार्टी है, जिसने हिन्दू धर्म की भावना का सही अनुसरण किया है। दबे-कुचले वर्गों के आरक्षण की शुरुआत कांग्रेस ने ही की थी। हम आर्थिक स्थितियों के आधार पर वर्गों को आरक्षण देने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि ध्रुवीकरण के लिए तुुष्टिकरण का ढोल ठोंक-ठोंक के बजाया जा रहा है। तुष्टिकरण से ज्यादा खतरनाक ध्रुवीकरण है। पांडे ने कहा कि राहुल गांधी व प्रियंका गांधी का राम जन्मभूमि जाने से परहेज नहीं है। उन्होंने कभी इससे इनकार नहीं किया है। मंदिरों में जाना उनकी निजी आस्था का मामला है। राजनीतिक साजिश के तहत उनके लिए गलत धारणा फैलाई जा रही है। पांडे ने यह बातें पत्रिका से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कही। पेश है इंटरव्यू के प्रमुख अंश….
सवाल: यूपी समेत देश में माहौल कैसा है?
जवाब: हमें मिल रहे रेस्पोंस से लग रहा है कि उत्तर प्रदेश में लोग बदलाव का मन बना चुके हैं। आज के दौर में अनचही आपातकालीन स्थिति है। हर आदमी डरा और सहमा हुआ है। राहुल गांधी जी की पदयात्रा के बाद लोगों में नई सोच आई। वहीं अन्य दल भी नई सोच के साथ कांग्रेस के साथ आए। आज संवैधानिक संस्थाओं पर लोगों का विश्वास कम हुआ है। देश में तानाशाही रवैया चल रहा है। संस्थाओं का राजनीतिकरण और विपक्ष को खत्म करने की कोशिश की गई। हर वर्ग हाशिए पर चला गया है। महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है। इसके चलते भाजपा हार की ओर बढ़ रही है।
सवाल: राम मंदिर मुद्दा कितना बड़ा मानते हैंं?
जवाब: देश केकण-कण में प्रभु राम है। हर इंसान के दिलों में बसे हुए हैं। हर मजहब के लोगों के मन में श्रीराम के प्रति श्रद्धा है। इसका राजनीतिकरण करना देश की जनता ठीक नहीं मानती है। यह श्रद्धा का विषय है। मंदिर और मस्जिद राजनीति में मुद्दा नहीं हो सकता।
सवाल: भाजपा आक्रमकता से राष्ट्रवाद और हिन्दुत्व का मुद्दा उठा रही है। कांग्रेस कैसे काउंटर कर रही है?
जवाब: ध्यान भटकाने के लिए भाजपा भावनात्मक मुद्दे उठा रही है, लेकिन इसका असर नहीं होने वाला है। आज देश जानना चाहता है कि लोगों के खाते में 15 लाख कब आएंगे? हर साल 2 करोड़ नौकरी के हिसाब से 20 करोड़ नौकरियां कब मिलेंगी? यह देश जानना चाहता है कि रुपया कब मजबूत होगा? इन मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जवाब देना चाहिए। जबकि वो पहले की तरह मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा की बात कर रहे हैं। यह देश भगवान के आर्शीवाद और उसके भरोसे चलता आया है। धर्म हमें एक-दूसरे का सम्मान करना सिखाता है। संविधान से ही हमें अपनी मान्यताएं मानने की सुरक्षा दी गई है। धर्म को राजनीति से अलग रखा गया है। भाजपा धर्म का राजनीतिकरण कर लोगों को बहकाना चाहते हैं।
सवाल: पिछली बार अमेठी भी हार गए थे, इस बार आपकी क्या रणनीति है।
जवाब: यूपी में कांग्रेस के पांच स्तरीय संगठन को चुनाव के लिए तैयार किया है। यह पूरी तरह मुस्तैद है। मैंने सभी 80 सीटों पर जाने का संकल्प किया है। मैं अब तक 64 सीटों पर जाकर कांग्रेस, सपा समेत अन्य घटक दलों के साथ बैठक कर चुका हूं। अन्य दलों से समन्वय बेहतर कर वोटों के बंटवारे को रोकने की पुरजोर कोशिश है। हम इसमें सफल भी हो रहे हैं। 2014 में मोदी जी महज 33 फीसदी और 2019 में 37 फीसदी वोट पाकर प्रधानमंत्री बने थे। मोटे तौर पर 63 फीसदी लोगों ने मोदी के खिलाफ वोट किया था। चूंकि यह वोट अलग-अलग दलों में बंटे होने का फायदा भाजपा को मिला। अब देशभर में विपक्षी दल एकसाथ इंडिया गठबंधन में आए हैं, जो 63 फीसदी लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहा है। यह इंडिया गठबंधन भाजपा को कड़ी टक्कर दे रहा है।
सवाल: रायबरेली से प्रियंका गांधी की बजाय राहुल गांधी को चुनाव लड़ाया जा रहा है। किशोरी लाल जी को अमेठी से लड़ाया गया। इससे ऐसा संदेश जा रहा है कि अमेठी में कांग्रेस की स्थिति ठीक नहीं थी। क्या कहेंगे?
जवाब: यह भ्रम फैलाने की साजिश है। रायबरेली से राहुल जी और अमेठी से किशोरी जी को कुशल रणनीति के तहत चुनाव मैदान में उतारा गया है। सही समय पर सही निर्णय किया है। गांधी परिवार से जुड़ी दोनों सीट है। सोनिया गांधी जी के राज्यसभा में जाने के बाद राहुल जी वहां से चुनाव लड़ रहे हैं। किशोरी जी कुशल संगठक होने के साथ परिवार से बेहद नजदीक होने के साथ दोनों सीटों से बरसों से सेवा करते रहे हैं। हम दोनों सीटों पर भारी बहुमत से चुनाव जीतने जा रहे हैं।
सवाल: क्या आपको लगता है कि इंडिया गठबंधन में यदि मायावती होती तो शायद स्थिति और मजबूत होती?
सवाल: जितने भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास करने वाले दलों को हम साथ लेने की कोशिश करते रहे हैं। मैं खुद बहिन जी मायावती को इंडिया गठबंधन में लेना चाहता था, लेकिन गठबंधन में नहीं आना उनका खुद का निर्णय है। यदि वो होती तो शायद गठबंधन और मजबूत हो सकता था।
सवाल: क्या कारण रहे की मायावती आपसे दूर हो गई?
जवाब: यह उनकी पार्टी का आंतरिक निर्णय है। हां, यह स्वाभाविक सी बात है कि गठबंधन में नहीं आना और गठबंधन को नुकसान करने वाले एक्शन करने से उनको भाजपा की बी टीम कहा जाता है।
सवाल: चुनाव अब पूर्वांचल की ओर बढ़ रहा है। राहुल जी और प्रियंका जी का रामजन्म भूमि जाने का कोई कार्यक्रम बन रहा है?
जवाब: राहुल जी और प्रियंका जी को राम जन्मभूमि पर जाने से किसी भी तरह का परहेज नहीं है। यह राजनीतिक साजिश के तहत गलत धारणा बनाई जा रही है। राहुल व प्रियंका देश के सभी भगवानों, मान्यताओं का सम्मान करते हैं। वे जनभावना, लोगों की आस्था का सम्मान करते हैं। इसके लिए वो कुछ भी कर सकते हैं। उन्होंने कभी भी राम जन्म भूमि जाने से इनकार नहीं किया, लेकिन नरेन्द्र मोदी के चाहने या आपके सवाल पूछने से वो वहां जाए, ऐसा नहीं होता। यह उनकी निजी आस्था का सवाल है। उनका मानना है कि मोदी जी की तरह अपनी आस्था का जनप्रदर्शन या इवेंट करने की जरूरत नहीं है।
सवाल: कांग्रेस पर बार बार मुस्लिम तुष्टिकरण और हिंदुओं के मुद्दों पर शांत रहने का आरोप लगता है, क्या कहेंगे?
जवाब: आजादी से पहले और आजादी के बाद कांग्रेस ही अकेली पार्टी है, जिसने हिन्दू धर्म की भावना का सही अनुसरण किया है। हमने हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई व अन्य जाति-समुदाय को साथ लिया। जब कभी किसी दलित, मुस्लिम, ओबीसी वर्ग पर अत्याचार होता दिखा तो कांग्रेस ने उनका संरक्षण किया है। इसकी झलक संविधान में स्पष्ट रूप से देखने को मिलती है। दबे-कुचले वर्गों को आरक्षण की शुरुआत कांग्रेस ने ही की थी। हम आर्थिक स्थितियों के आधार पर भी आरक्षण देने को प्रतिबद्ध है। आने वाले दिनों में जाति जनगणना होगी, तब वर्गों की भागीदारी उनकी आर्थिक स्थिति के अनुसार तय होगी। तुष्टिकरण सिर्फ देश को भटकाने और भ्रम पैदा करने के लिए भाजपा का पैंतरा है। इससे ज्यादा खतरनाक ध्रुवीकरण है। ध्रुवीकरण के लिए तुुष्टिकरण का ढोल ठोंक-ठोंक के बजाया जा रहा है। इससे देश की जनता को फर्क नहीं पड़ता। कांग्रेस हर जाति-समुदाय के लिए काम करती आई है और करती रहेगी।
सवाल: क्या अखिलेश यादव, केजरीवाल समेत अन्य नेता रायबरेली और अमेठी में प्रचार करेंगे?
जवाब: निश्चित तौर पर कन्नोज और कानपुर में अखिलेश यादव के साथ राहुल गांधी की सभा में लोगों का जोश देखने को मिला है। रही बात रायबरेली की तो बहुत जल्दी राहुल गांधी के साथ अखिलेश यादव समेत अन्य दलों के नेता भी प्रचार करते दिखेंगे।