नई होड़ : एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक को पीछे छोड़ सकता है ड्रेगन
बीजिंग. चीन के इंस्टीट्यूट फॉर ब्रेन रिसर्च (सीआइबीआर) और न्यूसाइबर न्यूरोटेक ने मिलकर ‘बेनाओ नंबर 1’ नाम की ब्रेन चिप बनाई है। दावा है कि पिछले एक महीने में तीन मरीजों में यह चिप लगाई जा चुकी है। इस साल 10 और लोगों में लगाने की तैयारी है। अगले साल इसके लिए 50 मरीजों को चुना जाएगा। अगर यह दावा सही है तो ब्रेन चिप की होड़ में एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक को चीन से कड़ी टक्कर मिल सकती है।सीआइबीआर के निदेशक लुओ मिनमिन ने कहा कि 2026 में हम ब्रेन चिप पर बड़े टेस्ट शुरू करेंगे। चीन के सरकारी मीडिया ने एक वीडियो जारी किया है। इसमें लकवाग्रस्त लोग इस चिप से लैस होने के बाद रोबोटिक हाथ चलाकर पानी डाल रहे हैं और स्क्रीन पर लिख भी रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जेफ बेजोस और बिल गेट्स की बैकिंग वाली कंपनी सिंक्रोन भी ब्रेन चिप बनाने में न्यूरालिंक से आगे चल रही है। इसकी चिप अमरीका में छह और ऑस्ट्रेलिया में चार लकवाग्रस्त लोगों में लगाई जा चुकी है। सिंक्रोन की चिप से लोग अपने दिमाग से टेक्नोलॉजी को कंट्रोल कर सकते हैं।
तकनीक में अंतर
न्यूरालिंक ने सबसे पहले ब्रेन चिप बनाई थी। यह दिमाग के अंदर लगाई जाती है, ताकि सिग्नल साफ मिलें। इसकी सर्जरी में खतरा ज्यादा है। सिंक्रोन और चीन की चिप दिमाग के ऊपर लगती है। इनमें दिमाग को नुकसान का खतरा कम है, पर सिग्नल थोड़ा कमजोर मिलता है।
अब दृष्टिहीनों के लिए
न्यूरालिंक की ब्रेन चिप अब तक तीन मरीजों में लगाई जा चुकी है। न्यूरालिंक अब ‘ब्लाइंडसाइट’ नाम की चिप पर काम कर रही है। यह दृष्टिहीनों को देखने की ताकत दे सकती है। मस्क का कहना है कि बंदरों पर इसका परीक्षण कामयाब रहा है। इंसानों में परीक्षण में फिलहाल वक्त लगेगा।