मातृकुंडिया बांध के डूब क्षेत्र से प्रभावित गांवों के किसानों द्वारा बांध के गेटों पर शुरू किया गया धरना मंगलवार को 35वें दिन भी जारी रहा।
रेलमगरा. मातृकुंडिया बांध के डूब क्षेत्र से प्रभावित गांवों के किसानों द्वारा बांध के गेटों पर शुरू किया गया धरना मंगलवार को 35वें दिन भी जारी रहा। राजसमंद जिला कलेक्टर अरुणकुमार हसीजा मौके पर पहुंचे और संभागीय आयुक्त की बैठक में लिए गए निर्णयों की प्रति किसानों को सौंपी, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अडिग रहे और धरना समाप्त करने से इंकार कर दिया। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष माधवलाल चौधरी ने बताया कि मातृकुंडिया बांध का निर्माण प्रारंभ में भीलवाड़ा जिले के मेजा बांध को भरने के लिए एनिकट निर्माण के नाम से किया गया था, लेकिन बाद में इसे पूर्ण बांध स्वरूप दे दिया गया। उन्होंने कहा कि अपनी समस्याओं को लेकर पहले भी किसान व्यापक आंदोलन और भूख हड़ताल कर चुके हैं, परंतु अधिकारियों ने केवल आश्वासन देकर किसानों के साथ छलावा किया। वर्तमान में किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। चौधरी ने आरोप लगाया कि अधिकारी स्थल पर तो पहुंच रहे हैं, पर किसानों की मूल समस्याओं को नजरअंदाज करते हुए अप्रासंगिक विषयों पर निर्णय ले रहे हैं, जिससे काश्तकारों का भला होता नहीं दिख रहा।