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एमएसएमई के लिए एआई-पॉवर्ड फाइनेंसिंग प्लेटफॉर्म

इससे छोटे और मध्यम व्यवसायों को तुरंत और सुगमता से किसी भी तरह की ग्रोथ कैपिटल आसानी से प्राप्त हो सकेगी

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Mar 09, 2025

इससे छोटे और मध्यम व्यवसायों को तुरंत और सुगमता से किसी भी तरह की ग्रोथ कैपिटल आसानी से प्राप्त हो सकेगी

मुंबई. एमएसएमईज के लिए अपनी तरह का पहला एआई-पॉवर्ड फाईनेंसिंग प्लेटफॉर्म पेश किया गया है। इससे छोटे और मध्यम व्यवसायों को तुरंत और सुगमता से किसी भी तरह की ग्रोथ कैपिटल आसानी से प्राप्त हो सकेगी। एंबेडेड फाइनेंस फिनटेक गेटवांटेज ने इसे ग्रोथसहाय का नाम दिया है। गेटवांटेज प्रायरिटी सेक्टर लेंडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (पीएसएलएआई) का संस्थापक सदस्य भी है, जो ग्रोथसहाय द्वारा भारत के एमएसएमईज़ को क्रेडिट प्राप्त करना आसान बनाने के लिए समर्पित है। गेटवांटेज और पीएसएलएआई का लक्ष्य अगले 3 से 5 सालों में एमएसएमई क्रेडिट की उपलब्धता दोगुनी करना है। ग्रोथसहाय प्लेटफॉर्म द्वारा ओसीईएन के आधुनिक फ्रेमवर्क का उपयोग करके 1 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए तक की तुरंत, सुगम और नॉन-डाइल्युटिव फंडिंग प्रदान की जाती है।
ग्रोथसहाय पिछले छः महीनों से बीटा में चल रहा है। इस दौरान भारत में 600 से अधिक एमएसएमईज़ को 100 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग दी जा चुकी है। इसके द्वारा अगले 12 से 18 महीनों में 1000 से अधिक एमएसएमईज़ को लगभग 500 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। यह प्लेटफॉर्म 100 प्रतिशत डिजिटल और सुगम अनुभव प्रदान करता है। इसके द्वारा पारदर्शिता, सुरक्षा और तीव्र पेआउट संभव होते हैं। व्यवसाय अपने कैशफ्लो के आधार पर फंडिंग प्राप्त कर सकते हैं, तथा धनराशि का डिस्बर्समेंट 72 घंटों के अंदर हो जाता है। वो एक सिंगल एप्लीकेशन द्वारा फॉलो-ऑन फंडिंग का लाभ ले सकते हैं।
भाविका वासा, फाउंडर एवं सीईओ, गेटवांटेज ने कहा कि पीएसएलएआई के संस्थापक सदस्य की हमारी भूमिका से भारत के एमएसएमईज के लिए हमारी प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है। ग्रोथसहाय के गठन का उद्देश्य 64 मिलियन से अधिक एमएसएमईज़ के लिए क्रेडिट की कमी को दूर करना है। आज भारत के केवल 14 प्रतिशत एमएसएमईज़ को ही क्रेडिट उपलब्ध है। इसलिए ओसीईएन जैसे इंडिया स्टैक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निर्मित ग्रोथसहाय जैसी पहल द्वारा हम अगले 3 से 5 सालों में क्रेडिट की उपलब्धता बढ़ाकर दोगुनी करना चाहते हैं।

पीएसएलएआई के संस्थापक सदस्य के रूप में गेटवांटेज एमएसएमईज़ के लिए क्रेडिट के परिदृश्य में परिवर्तन का नेतृत्व कर रहा है। पीएसएलएआई क्रेडिट के परिवेश में सभी हितधारकों को एकजुट करता है, जिनमें फिनटेक, लेंडर्स और नीतिनिर्माता शामिल हैं। उन सबका उद्देश्य भारत के एमएसएमई सेक्टर में सस्टेनेबल और समावेशी विकास लाना है।
आईएसपीआईआरटी फाउंडेशन के को-फाउंडर, शरद शर्मा ने कहा कि इस सेक्टर में वृद्धिशील सुधार नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण परिवर्तन आवश्यक हैं। उत्पाद के सही विकास और कैशफ्लो पर आधारित फाईनेंसिंग एवं पॉलिसी सपोर्ट की मदद से इस सेक्टर में क्रेडिट अगले कुछ सालों में दोगुना होकर लगभग 130 ट्रिलियन रुपए तक पहुंच सकता है, और अगले 3 से पांच सालों में दोगुनी वृद्धि कर सकता है।

Published on:
09 Mar 2025 11:33 pm
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