समाचार

मशहूर लोक गायिका मालिनी अवस्थी इंदौर में बोलीं ये बड़ी बात…

इंदौर. पिता शासकीय चिकित्सक थे, इसलिए देश में कई स्थानों पर जाने का मौका मिला। ज्यादातर समय सिविल अस्पतालों के प्रांगणों में ही गुजरा। कई बार मां को कोई बात बताने दौड़ रहे होते थे तो हॉस्पिटल में कोई मां बच्चे की बीमारी या परिजन की नाजुक स्थिति के चलते बिलखती थी। उस समय दुख […]

less than 1 minute read
Aug 31, 2024
  • जीवन में एक आंख से दुख देखा तो दूसरी से सुख....

इंदौर. पिता शासकीय चिकित्सक थे, इसलिए देश में कई स्थानों पर जाने का मौका मिला। ज्यादातर समय सिविल अस्पतालों के प्रांगणों में ही गुजरा। कई बार मां को कोई बात बताने दौड़ रहे होते थे तो हॉस्पिटल में कोई मां बच्चे की बीमारी या परिजन की नाजुक स्थिति के चलते बिलखती थी। उस समय दुख भी देखा। वो समय ऐसा था जब एक आंख सुख तो दूसरी दुख देखती थी। यह बात पत्रिका से चर्चा में शालिनी अवस्थी ने कही। उनसे बातचीत के अंश

भारतीय परंपरा के आपके लिए क्या मायने है?

जवाब : मैं ऐसे परिवार में पली बढ़ी जहां कदम-कदम पर परंपरा और संस्कृति से रूबरू कराया गया। मेरे लिए पिता और भाई और पति का मान भी संस्कार ही है। परिवार के मूल्य भी हमारे संस्कार है, यही तो हमारी भारतीय परंपरा है।

जीवन का सबसे खास पल क्या आपके लिए?

जवाब : कई बातें हैं जो दिल के करीब हैं, लेकिन जब मुझे रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का आमंत्रण मिला वह पल बहुत खास है। उसने मुझे पिता की यादों में दोबारा पहुंचा दिया।

ओटीटी से आप नाराज क्यों है?

जवाब : नाराजगी वाली बात है। ओटीटी पर फिक्शन के नाम पर जो सीरिज प्रसारित की जा रही है वह भारतीय परंपरा का हिस्सा नहीं बल्कि फुहड़पन है।

युवा पीढ़ी के लिए क्या संदेश है?

जवाब : युवा पीढ़ी जीवन में आगे बढ़े, लेकिन भारतीय पंरपरा, संस्कृति और सभ्यता को छोड़कर नहीं। संस्कारों को साथ लेकर चलें, आपकी वास्तविक सफलता यही होगी।

Published on:
31 Aug 2024 09:28 pm
Also Read
View All

अगली खबर