सेमिनार के दौरान फसल अवशेष और जैव उर्वरक से प्रदूषण कम करने के उपाय भी सुझाए गए।
वर्ल्ड बैंक की क्लाइमेट चेंज प्रतिनिधि यशिका मलिक ने कहा कि गुजरात जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अग्रणी राज्य के रूप में उभर रहा है। उन्होंने वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस में कृषि विभाग की ओर से आयोजित एक सेमिनार में यह बात कही। मलिक ने कहा कि गुजरात जलवायु कार्रवाई के लिए आवश्यक ढांचा और क्षमता के विकास में अग्रणी बन रहा है।
सेमिनार के दौरान वराह प्रोडक्ट्स के हेड सूरज सिंह ने फसल अवशेष और जैव उर्वरक से प्रदूषण कम करने के उपाय सुझाए। चिन्मय थोंस ने जलवायु परिवर्तन के संबंध में नेचर बेस्ड सॉल्यूशंस के प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिसमें हाई क्वालिटी प्रोजेक्ट्स और रिसर्च स्टडीज शामिल हैं।
कल्पेश गड़ा ने कार्बन प्रोजेक्ट्स के लिए ब्लेंडेड फंडिंग और क्रेडिट गारंटी जैसे वित्तीय उपायों पर चर्चा की। सिद्धार्थ कौल ने नेचुरल फर्टिलाइज़र और बायोगैस के उपयोग को बढ़ावा देने और कार्बन क्रेडिट के विकास पर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।