हनुमानगढ़ से सूरतगढ़ फोरलेन सडक़ पर एक अरब 82 करोड़ 50 लाख रुपए से ज्यादा की टोल राशि वसूल चुका आरटीआरडीसी, फिर भी जगह-जगह टूटी सडक़ व डिवाइडर की नहीं सुधार रहे स्थिति, नागरिक संगठनों में रोष
अदरीस खान @ हनुमानगढ़. निर्माण की गुणवत्ता को लेकर शुरू से ही विवादों में रही हनुमानगढ़-सूरतगढ़ फोरलेन सडक़ सरकारी तंत्र के लिए माल कूटने का जरिया बनी हुई है। पहले तो अफसरों ने रोड निर्माण में भ्रष्टाचार कर चांदी कूटी और अब खस्ताहाल सडक़ पर चलने वालों से टोल टैक्स कूटा जा रहा है। जगह-जगह से टूटी सडक़, जर्जर डिवाइडर और गायब संकेतकों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन माने आरएसआरडीसी पौने दो अरब से ज्यादा की राशि लोगों की जेब से टोल टैक्स के रूप में वसूल चुकी है। टूटी सडक़ पर यह वसूली 2032 तक जारी रहेगी। इसके बावजूद सडक़ की स्थिति नहीं सुधारी जा रही है। जब नागरिक संगठन आंदोलन करते हैं तब ही सुधार के नाम पर लीपापोती की जाती है।
पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि सूरतगढ़ फोरलेन सडक़ निर्माण 2010-11 में होने के बाद टोल टैक्स वसूली शुरू हुई। आरएसआरडीसी इस मार्ग से जनवरी 2025 तक एक अरब 82 करोड़ 50 लाख रुपए टोल टैक्स वसूल कर चुका है। हर साल औसतन 15 करोड़ रुपए टोल टैक्स वसूल किया जा रहा है।
अब तक की गई वसूली के हिसाब से देखे तो सौ करोड़ रुपए से भी ज्यादा टोल टैक्स और वसूल किया जाएगा। डीपीआर के अनुसार टोल संग्रहण 2032 तक किया जाना है मतलब कि शेष सात साल में औसतन एक अरब पांच करोड़ रुपए और वसूली होगी।
इस सडक़ का निर्माण पीडब्ल्यूडी ने ठेकेदारों से कराया था। गुणवत्ताहीन निर्माण को लेकर कई आंदोलन हुए। राजस्थान पत्रिका ने भी अभियान चलाकर पोल खोली। इसका परिणाम यह रहा कि पीडब्ल्यूडी के आधा दर्जन से अधिक अभियंताओं को निर्माण कार्य में अनियिमितता के चलते निलम्बित किया गया था।
सडक़ की खराब हालत देखते हुए इसे टोल मुक्त करना चाहिए। 54 किलोमीटर लम्बी इस सडक़ पर दो-दो टोल नाके बना रखे हैं। मगर खस्ताहाल सडक़ सुधारने पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। - एडवोकेट रघुवीर वर्मा, माकपा नेता।
वर्ष 2032 तक 54 किमी के इस फोरलेन मार्ग से 300 करोड़ रुपए तक टोल टैक्स वसूल लिया जाएगा। टोल वूसली पर पूरा जोर है, सडक़ की हालत सुधार पर बिलकुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है। - प्रवीण मेहन, जिलाध्यक्ष आरटीआई जागृति मंच।