With limited government job prospects, youth are moving toward self-reliance. More than 150 youth in the district are on the path to self-employment, supported by the Udyamkranti scheme
जिले में 150 से अधिक युवा स्वरोजगार की राह पर,
Udyamkranti scheme
नरसिंहपुर। जिले के युवा तेजी से आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। सरकारी नौकरी की सीमित संभावनाओं के बीच अब युवाओं का रुझान खुद के व्यवसाय की ओर बढ़ता दिख रहा है। इसी क्रम में इस वर्ष जिलेभर में डेढ़ सौ से अधिक युवाओं ने अपनी स्वरोजगार इकाइयां स्थापित करने में रुचि दिखाई है। मुख्यमंत्री उद्यमक्रांति योजना ने इस बदलाव को गति देने में बड़ी भूमिका निभाई है। जिला उद्योग केंद्र को इस योजना के तहत 136 प्रकरणों का लक्ष्य मिला था। आश्चर्यजनक रूप से इसमें से 109 युवा अब तक स्वरोजगार के लिए ऋ ण प्राप्त कर चुके हैं। यह आंकड़ा न सिर्फ जिले के युवा मनोबल को दर्शाता हैए बल्कि यह भी बताता है कि जिले में छोटा और मध्यम स्तर का व्यवसाय तेजी से नया आकार ले रहा है।
50 हजार से 50 लाख तक की सहायता
उद्यमक्रांति योजना के तहत युवाओं को व्यवसाय की स्थापना के लिए आकर्षक वित्तीय सहायता दी जाती है। जिसमें विनिर्माण इकाइयों के लिए 50 हजार से 50 लाख रुपए तक और सेवा एवं फ ुटकर व्यवसाय के लिए 50 हजार से 25 लाख रुपए तक की सहायता मिलती है। युवा अपनी रुचि, योग्यता और बाजार की मांग के अनुसार परियोजना तैयार कर बैंक से ऋ ण प्राप्त कर सकते हैं। कई युवाओं ने इसी सहायता से फ र्नीचर निर्माण, मशीनरी यूनिट, मोटर सर्विसिंग, बेकरी, कंप्यूटर सेवा केंद्र और अन्य छोटे उद्योग स्थापित किए हैं।
मिलता है 7 वर्ष तक ब्याज अनुदान
जिला उद्योग महाप्रबंधक पंकज पटेल बताते हैं कि योजना की सबसे बड़ी खासियत है ब्याज अनुदान। सरकार बैंक ऋ ण के ब्याज में तीन प्रतिशत तक का अनुदान अधिकतम सात वर्ष तक प्रदान करती है। इससे युवाओं पर ऋ ण का बोझ काफ ी कम हो जाता है और वे बिना आर्थिक दबाव के अपना व्यवसाय आगे बढ़ा पाते हैं।यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहर तक, युवा इस योजना को अपनाने में सक्रिय रूप से आगे आ रहे हैं।
प्रकरण-1
नरसिंहपुर के युवा व्यावसायी सुधीर अग्रवाल ने आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाते हुए एमएसएमई योजना के तहत 1 करोड़ 80 लाख की लागत से चने की दाल की प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की है। उद्योग विभाग के अधिकारियों की मानें तो वे शुरूआती दौर में ही अच्छा प्रदर्शन कर रहे है,स्वयं का रोजगार स्थापित करने के साथ ही सुधीर ने कई लोगों को भी रोजगार दिया है।
प्रकरण-2
गाडरवारा के चैतन्य लूनावत ने करीब ढाई करोड़ की लागत से राइस प्रोसेसिंग यूनिट लगाई है। उनके क्षेत्र में चूंकि धान का उत्पादन अधिक मात्रा में होता है इसलिए उन्हे इसके लिए कच्चा माल सहजता से ही उपलब्धत हो जाता है। वे भी स्वरोजगार के साथ ही दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं।
वर्जन
जिले में युवाओं में स्वरोजगार इकाइयों को स्थापित करने के लिए उत्साह नजर आ रहा है। इस सत्र में लगभग 100 से अधिक युवाओं ने नौकरी तलाशने की बजाए स्वयं की इकाइयां स्थापित करने में रूचि दिखाई है। इसमें उद्योग विभाग ने भी उनके लिए यथोचित मार्गदर्शन और सहयोग दिया है।
पंकज पटेल,महाप्रबंधक जिला उद्योग व व्यापार केंद्र नरसिंहपुर