जौरा स्थित चंबल नदी के बरसैनी घाट पर नाव डूबी, नदी किनारे खड़े लोगों की मदद से डूबते लोगों को बचाया
मुरैना. जौरा क्षेत्र में चंबल नदी के बरसैनी घाट पर उस वक्त बड़ा हादसा टल गया, जब एक मछुआरे की नाव से सात श्रद्धालु राजस्थान के विजयवन सिद्ध स्थान पर जाने के लिए नदी पार कर रहे थे। क्षमता से अधिक सवारियों के बैठने से नदी घाट से 10-15 फीट आगे नाव पलट गई। वहां मौजूद कुछ तैराकों और मछुआरों की मदद से सभी सात लोगों को सकुशल किनारे खींचकर बचा लिया गया। इनमें कुछ लोगों ने सिर पर बांधी हुई पगड़ी को खोल दिया। जिसे पकडक़र ये डूब रहे लोग नदी किनारे आ लगे। डूबने वालों में दो छोटे बच्चे थे जिन्हें भी बचा लिया गया।
जौरा क्षेत्र के खेरा चमरगंवा गांव में रहने वाले नंदू राठौर, राकेश राठौर, जंडेल कुशवाहा, मिथिलेश राठौर, माया राठौर व उनके साथ दो बच्चे राजस्थान के विजयवन देवस्थान स्थित सिद्ध आश्रम पर दर्शनों के लिए जा रहे थे। इन सभी ने अपने वाहन सती माता मंदिर पर स्थित पार्किंग में खडे कर दिए। इसके बाद वह नाव का इंतजार करने लगी।
इसी दौरान एक मछली पकडऩे वाले मछुआरे ने आवाज देकर सबको बुला लिया और कहा कि आप मेरी नाव में बैठ जाओ, मैं आपको नदी पार कर राजस्थान साइड पहुंचा दूंगा। यह सभी नाव में सवार हो गए। जैसे ही नाव नदी घाट से 10 से 15 फीट आगे पहुंची, वह ज्यादा सवारी होने से नदी में पलट गई। नाव के पलटते ही चीख पुकार मच गई। चीख पुकार सुनकर नदी किनारे खड़े कुछ लोग सारा माजरा समझ गए।
चंबल नदी में नाव डूबते ही जिस वक्त श्रद्धालु नदी में डूब रहे थे नदी किनारे मौजूद कुछ लोग उन्हें बचाने के जतन करते दिखे। हड़बड़ी में वे अपनी-अपनी पगड़ी खोलकर तैरते हुए उनकी ओर गए।
तैरते हुए सभी डूबते हुए लोगों को उन्होंने पगड़ी का एक छोर पकड़ा दिया।पगड़ी का छोर पकड़ कर ये सभी नदी किनारे आ गए। इससे डूबने से बच गए।