ओपिनियन

प्रसंगवश : प्रदूषित जल छोड़ने वाली औद्योगिकी इकाइयों पर हो सख्ती

कई शहरों में पेयजल आपूर्ति जिन बांधों या तालाबों से होती है उनमें शहरों का दूषित पानी मिल जाता है।

2 min read
Jan 15, 2025

पिछले कुछ सालों में जल प्रदूषण को देश के सम्मुख मौजूद सबसे बड़े संकटों में से एक माना गया है। औद्योगिक इकाइयों की ओर से छोड़े गए रासायनिक अवशिष्ट, जल को जहरीला करने का सबसे बड़ा कारक है यह सब जानते हैं। पड़ोसी राज्य पंजाब की औद्योगिक इकाइयों की ओर से छोड़े गया प्रदूषित पानी तो नहरों के जरिए राजस्थान के दस जिलों के लोगों को कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां दे रहा है। बताया यह जा रहा है कि पंजाब की इलेक्ट्रोप्लेटिंग इकाइयों और रंगाई के कारखानों का खतरनाक रसायनिक अपशिष्ट और सीवरेज का पानी सतलुज नदी में आ रहा है।

यह पानी नहरों के माध्यम से प्रदेश के दस जिलों में पेयजल के रुप में सप्लाई हो रहा है। प्रदूषित जल की समस्या केवल इन दस जिलों में ही नहीं है। हाल में ही कोटा की चम्बल नदी में नालों के जरिए सीधे सीवरेज का पानी गिरने का खुलासा हुआ था। यहां लगे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहे। एनजीटी के निर्देशों के बावजूद इसमें सुधार नहीं हो रहा। कई शहरों में पेयजल आपूर्ति जिन बांधों या बड़े तालाबों से होती है उनमें शहरों का दूषित पानी नालों के जरिए आकर मिल जाता है।

तेजी से बढ़ते शहरीकरण और औद्योगिककरण से जल प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। शहरी क्षेत्र में उपलब्ध जल स्त्रोतों का अधिकांश पानी घरेलू और औद्योगिक कार्य के लिए होता है। उपयोग में लिया गया 75 फीसदी से ज्यादा पानी दूषित हो जाता है। भले ही इस दूषित पानी के ट्रीटमेंट के लिए सीवरेज प्लांट बनाने के दावे किए जा रहे है, लेकिन पूरी क्षमता से इस पानी का ट्रीटमेंट नहीं हो पा रहा।

अगर इसी तरह पानी दूषित होता रहा है तो वह दिन दूर नहीं जब शुद्ध पेयजल का भारी संकट पैदा हो जाएगा। पानी के अंदर प्रदूषण रोकने के लिए नदी के किनारों के कटाव को रोकना होगा।

इनके किनारों पर जंगल विकसित करने होंगे, ताकि दूषित पानी नदी के अंदर जाने से रोके। औद्योगिक इकाइयों पर प्रदूषित जल के निकास को रोकने के लिए सख्ती करनी होगी। जरूरी है कि उन्हें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए बाध्य किया जाएं। रासायनिक कचरे का निस्तारण समुचित तरीके से किया जाएं। तभी लोगों को इसके दुष्प्रभावों से बचाया जा सकेगा। ऐसा न हुआ तो वह दिन दूर नहीं जब घर-घर पर दूषित जल की वजह से बीमारियां पहुंचते देर नहीं लगेगी।

  • जयप्रकाश सिंह
Updated on:
15 Jan 2025 03:05 pm
Published on:
15 Jan 2025 03:04 pm
Also Read
View All

अगली खबर