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संपादकीय : अब अंतरिक्ष में खुलेंगे नई संभावनाओं के द्वार

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 उपग्रह केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि संचार क्रांति की दिशा में बड़ा कदम है।

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Dec 25, 2025

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने फिर साबित कर दिया है कि भारत अब केवल अंतरिक्ष तकनीक का उपभोक्ता ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर उसका नेतृत्वकर्ता बन चुका है। वर्ष के अपने आखिरी मिशन में इसरो ने सबसे भारी अमरीकी संचार उपग्रह ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 का सफल प्रक्षेपण कर इतिहास रच दिया है। यह मिशन पूरी तरह से वाणिज्यिक था, जिसने भारत की बढ़ती अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था और वैश्विक भरोसे को मजबूती दी है। इस मिशन के लिए इसरो ने अपने शक्तिशाली एलवीएम-3 लॉन्च व्हीकल का उपयोग किया, जिसे उसकी क्षमताओं के कारण पहले ही 'बाहुबली' नाम दिया जा चुका है।

यह एलवीएम-3 की छठी उड़ान और वाणिज्यिक मिशन के लिए तीसरी सफल उड़ान रही, जो बताता है कि भारत अब भारी और जटिल पेलोड को सुरक्षित रूप से अंतरिक्ष में स्थापित करने में सक्षम है। पहले जहां इस तरह के बड़े संचार उपग्रहों के लिए देशों को अमरीका या यूरोप पर निर्भर रहना पड़ता था, अब भारत भी उस भरोसेमंद सूची में शामिल हो गया है। ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 उपग्रह केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि संचार क्रांति की दिशा में बड़ा कदम है। यह अगली पीढ़ी की प्रणाली का हिस्सा है, जिसके जरिए 4जी और 5जी स्मार्टफोन पर सीधे सेल्युलर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जाएगी यानी भविष्य में दूरदराज, समुद्री क्षेत्रों या नेटवर्क से वंचित इलाकों में भी बिना पारंपरिक टावरों के मोबाइल कनेक्टिविटी संभव हो सकेगी।

इस सफल लॉन्चिंग का महत्व भारत के लिए कई स्तरों पर है। पहला, यह भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और विश्वसनीयता को बताता है। दूसरा, यह इसरो के बढ़ते वाणिज्यिक स्वरूप को दर्शाता है, जहां भारत 'लॉन्च सर्विस प्रोवाइडर' के रूप में उभर रहा है। तीसरा, यह भारत की अंतरिक्ष कूटनीति को भी मजबूती देता है, क्योंकि ऐसे मिशन देशों के बीच विश्वास और सहयोग को गहरा करते हैं। आज जब अंतरिक्ष केवल वैज्ञानिक खोज तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि संचार, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और विकास का अहम आधार बन चुका है, तब भारत की यह छलांग दुनिया के लिए भी कल्याणकारी है। कम लागत, उच्च विश्वसनीयता और समयबद्ध लॉन्चिंग का संयोजन इसरो को वैश्विक बाजार में अलग पहचान देता है। ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 का सफल प्रक्षेपण इस बात का प्रमाण है कि भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक बड़ी शक्ति बन चुका है। यह उपलब्धि न केवल हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की मेहनत का परिणाम है, बल्कि हमारे नीति नियंताओं की उस दूरदृष्टि का परिचायक भी है, जिसने भारत को 'जनकल्याण के लिए अंतरिक्ष' के मार्ग पर अग्रसर किया है। अंतरिक्ष में भारत की यह उड़ान आने वाले वर्षों में नई ऊंचाइयों को छुएगी और विश्व के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी।

Updated on:
25 Dec 2025 12:57 pm
Published on:
25 Dec 2025 12:55 pm
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