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जरूरतमंदों तक गेहूं नहीं पहुंचाने वालों पर हो सख्त कार्रवाई

गेहूं और आटे के दाम पहले ही आसमान छू रहे हैं। ऐसे में राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत करीब 4.69 लाख क्विंटल गेहूं उनके वास्तविक हकदारों तक नहीं पहुंच पाना सचमुच चिंताजनक है।

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Mar 29, 2025

गेहूं और आटे के दाम पहले ही आसमान छू रहे हैं। ऐसे में राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत करीब 4.69 लाख क्विंटल गेहूं उनके वास्तविक हकदारों तक नहीं पहुंच पाना सचमुच चिंताजनक है। एक तरह से इसे गरीबों के मुंह से निवाला छीनना ही कहा जाएगा। गरीबों को दो वक्त की रोटी आसानी से मिल सके इसे देखते हुए खाद्य सुरक्षा योजना वरदान शामिल हुई है इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता।

लेकिन जिम्मेदारों ने ऐसी लापरवाही बरती कि इस योजना के तहत प्रदेश को आवंटित गेहूं की परवाह ही नहीं की। नतीजतन लाखों परिवार खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाले गेहूं का इंतजार करते रहते है। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2013 में इस योजना को लागू किया था जिसका मकसद निम्न आय वर्ग के लोगों को गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न उपलब्ध करवाना रहा है। इस योजना में पात्र परिवार को हर माह प्रति यूनिट पांच किलोग्राम गेहूं दो रुपए किलो की दर पर उपलब्ध कराया जाता है। सरकार जब कोई योजना बनाती है तो लगता है कि अब वंचित वर्ग को राहत मिलने वाली है।

लेकिन कभी राशन डीलर हड़ताल पर रहते हैं तो कभी गोदामों से सहकारी समितियां आवंटित गेहूं का उठाव नहीं करती। राज्य में क्रय-विक्रय सहकारी समितियों को एफसीआई के गोदाम से गेहूं उठाकर राशन डीलरों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दे रखी है, लेकिन हैरत की बात यह है कि ये समितियां आवंटित कोटे का पूरा उठाव नहीं कर रही। ऐसे में हर माह हजारों पात्र लोगों को गेहूं नहीं मिल पाया। प्रदेश में 80 हजार से ज्यादा लोग गेहूं लेने से वंचित रह गए। ये लोग गेहूं की आस में राशन की दुकानों पर चक्कर काटते रहे और राशन डीलर गेहूं नहीं आने के बात कहकर उन्हें लौटाते रहे।

इतना ही नहीं, राशन की दुकानों पर आने वाला गेहंू कभी रास्ते से गायब हो गया तो डीलर ने ही उसे बाजार में बेच दिया। इसके अलावा इस योजना में गेहूं के परिवहन या अन्य सामग्री की खरीद में घोटाले भी सामने आते रहे हैं। इतना ही नहीं, इस योजना में पिछले सालों बड़ी संख्या में अपात्र लोगों के नाम जोड़ दिए गए।

जांच में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी और सक्षम व्यक्ति भी इस योजना का लाभ लेते मिले। गरीब तबके के लिए चलाई जा रही इस अहम योजना में गड़बड़झाला और लापरवाही चिन्ताजनक है। सरकार को गेहूं लैप्स होने के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए गरीब को समय पर सस्ता गेहूं मिले, इसके पुख्ता प्रबंध करने चाहिए।

  • जयप्रकाश सिंह
Published on:
29 Mar 2025 08:17 pm
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