पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत है पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं
आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हो
विश्वविद्यालय स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में आधुनिक खेल सुविधाएं और उपकरण उपलब्ध कराएं। नियमित खेल प्रतियोगिताएं, लीग और स्पोर्ट्स फेस्ट आयोजित किए जाएं। छात्रों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहन, छात्रवृत्ति और पुरस्कार दिए जाएं। पेशेवर कोच और फिटनेस ट्रेनरों की नियुक्ति कर प्रशिक्षण को मजबूत बनाया जाए। - कृष्णकुमार खीचड़, राजालानाडा
खेल प्रतियोगिताएं आयोजित हो
विश्वविद्यालय स्तर पर खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए अलग से खेल विभाग होना चाहिए। खेलों के लिए पर्याप्त बजट दिया जाना चाहिए। समय-समय पर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होती रहनी चाहिए। उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों मे चयनित किया जाना चाहिए। खेलों के अनुसार खेल मैदान तैयार किए जाने चाहिए। खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता रखनी चाहिए। विश्वविद्यालय स्तर पर खेलो को रोजगार से जोड़ा जाएगा और पर्याप्त सुविधाएं दी जाएंगी तो खेल प्रतिभाएं उभर कर आएंगी जो देश का नाम रोशन करेंगी । - आजाद पूरण सिंह राजावत,जयपुर
खेल विश्वविद्यालय की स्थापना हो
विश्वविधालय स्तर के विद्यार्थियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओ का नियमित रूप से आयोजन किया जाना चाहिए।
विश्वविधालयों को खेल कॉलेज के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। खिलाडियों के प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षकों को नियुक्ति की जानी चाहिए। खिलाडियों के लिए ऐसी नीतियां तैयार की जाए जो उन्हे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में उपयोगी हो। - नरेन्द्र योगी, सांभर लेक
खेल को अकादमिक महत्त्व मिले
विश्वविद्यालय स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है कि खेलों को अकादमिक महत्त्व दिया जाए। खेल प्रदर्शन को क्रेडिट सिस्टम से जोड़ा जाए। संस्थानों में प्रशिक्षित कोच, फिजियो और आधुनिक खेल अवसंरचना उपलब्ध कराई जाए। छात्रों को स्पोर्ट्स स्कॉलरशिप, उपस्थिति में रियायत और नियमित प्रशिक्षण अवसर मिलें। साथ ही पूरे वर्ष इंटर-डिपार्टमेंट प्रतियोगिताएं और वार्षिक स्पोर्ट्स फेस्ट आयोजित कर खेल संस्कृति को सक्रिय और आकर्षक बनाया जा सकता है। - संजय माकोड़े, बैतूल
इंडोर स्टेडियम बनाए जाएं
विश्वविद्यालय स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए बेहतर खेल सुविधाओं का विकास आवश्यक है, जैसे आधुनिक मैदान, जिम और इंडोर स्टेडियम। छात्रों को प्रेरित करने के लिए खेल छात्रवृत्ति, पुरस्कार और प्रोत्साहन दिए जाएं। अनुभवी कोच, फिजियो और न्यूट्रीशनिस्ट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। नियमित इंटर-कॉलेज प्रतियोगिताएं, स्पोर्ट्स फेस्ट और प्रशिक्षण शिविर आयोजित हों। खेलों में भाग लेने वाले छात्रों को अकादमिक लचीलापन और उपस्थिति में रियायत भी दी जाए। साथ ही फिटनेस कार्यक्रमों, जागरूकता अभियान और खेल संगठनों से सहयोग पाकर छात्रों की खेल में रुचि बढ़ाई जा सकती है। - संदीप कटेवा, झुंझुनूं
प्रशिक्षित कोचों की नियुक्ति की जाए
विश्वविद्यालय में अनुभवी और प्रशिक्षित कोचों की नियुक्ति की जाए। खेलों के लिए आवश्यक आधुनिक उपकरण और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएं। आर्थिक रूप से कमजोर खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाए। खेल प्रतियोगिताओं में उत्कर्ष प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को शैक्षणिक परीक्षाओं में अतिरिक्त अंक और सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाए। समय-समय पर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए। खेलों के महत्व स्वास्थ्य लाभ और करियर के अवसरों के बारे में छात्रों को जागरूक किया जाए। - मोदिता सनाढ्य, उदयपुर
खेलों का आयोजन नियमित होना चाहिेए
विश्विद्यालय स्तर पर खेल संस्कृति को मजबूत करने की आवश्यकता है। खिलाड़ियों को उनके अकादमिक के अंतिम परिणाम में बोनस मार्क्स दिए जाने का प्रावधान हो जिससे वो बाकी विद्यार्थियों से पिछड़े नहीं और खेलो को अपना शत प्रतिशत दें। विश्विद्यालयों में विश्वस्तरीय आधारभूत ढांचे का विकास हो और नियमित रूप से खेलो का आयोजन हो जिससे खिलाड़ी समय पर अपनी प्रतिभा दिखा सके और देश का प्रतिनिधित्व करे। - गजेंद्र चौहान कसौदा, डीग
विद्यार्थियों को पुरस्कार दिए जाएं
विश्वविद्यालय स्तर पर खेलो को बढ़ावा देने के लिए बेहतर खेल सुविधाओं के साथ साथ उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षक हो। समय-समय पर विश्वविद्यालय स्तर प्रतियोगिताओं का आयोजन हो, जिससे खेलने वाले स्टूडेंट्स आगे आयेगें। खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने वालों को प्रोत्साहन के रूप में पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिए जाए और उनके अंक को सरकारी नौकरी में मैरिट में जोड़ा जाए। इस तरह से उच्च स्तर की शिक्षा में खेलो को बढ़ावा मिल सकता है। - निर्मला वशिष्ठ, राजगढ़
स्पोर्ट्स फेस्ट खेल संस्कृति विकसित हो
विश्वविद्यालय स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं। सबसे पहले, विश्वविद्यालयों में अच्छे मैदान, इंडोर सुविधाएं और प्रशिक्षित कोच उपलब्ध कराए जाएं। खेलों को क्रेडिट आधारित प्रणाली से जोड़ने से विद्यार्थियों की भागीदारी बढ़ती है। नियमित इंटर-कॉलेज प्रतियोगिताएं और स्पोर्ट्स फेस्ट खेल संस्कृति विकसित करते हैं। मेधावी खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति व सम्मान देकर प्रोत्साहित किया जाए। साथ ही, स्पोर्ट्स साइंस सहायता और उद्योगों के सहयोग से बेहतर प्रशिक्षण वातावरण तैयार किया जा सकता है। ये उपाय विश्वविद्यालयों में खेलों के स्तर को निश्चित रूप से मजबूत करते हैं। डॉ. दीपिका झंवर, जयपुर
मूल आवश्यकताओं को समझना होगा
विश्वविद्यालय स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक आधारभूत संरचना विकसित की जाए। प्रशिक्षित कोच उपलब्ध हों, खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति व आंतरिक मूल्यांकन में वेटेज मिले। नियमित इंटर-कॉलेज प्रतियोगिताएं, फिटनेस कार्यक्रम और स्पोर्ट्स क्लब सक्रिय हों। उद्योग-भागीदारी व प्रोत्साहन से खेल संस्कृति मजबूत बने। - अमृतलाल मारू, इंदौर
छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ानी चाहिेए
विश्वविद्यालय स्तर पर खेलों को बढ़ावा देना छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत आवश्यक है। इसके लिए ठोस कदम उठाने पड़ेंगे, जैसे कि सभी विश्वविद्यालयों में जरूरत के हिसाब से बेहतरीन खेल परिसर तैयार किए जाएं। प्रतिभाशाली छात्रों को उचित प्रशिक्षण देने के लिए अच्छे कोच की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही, नियमित रूप से खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करके छात्रों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जिससे उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़े और वे आगे चलकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नाम कमा सकें। - डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर