प्रयागराज

Supreme Court Decision: सुप्रीम कोर्ट ने महाकुंभ भगदड़ मामले पर सुनवाई से किया इनकार, याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने की सलाह

Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने महाकुंभ में भगदड़ से हुई मौतों के मामले में दाखिल जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। अदालत ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट में जाने की सलाह दी। CJI ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि यूपी सरकार पहले ही न्यायिक आयोग का गठन कर चुकी है।

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CJI बोले - महाकुंभ में हुई भगदड़ दुर्भाग्यपूर्ण, लेकिन पहले से लंबित याचिका के कारण हाईकोर्ट में रखें अपनी बात

Supreme Court Decision Update: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ से कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इस घटना पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर आज सुनवाई हुई। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने की सलाह दी।

CJI (मुख्य न्यायाधीश) की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते हैं, लेकिन पहले से ही हाईकोर्ट में इस मुद्दे को लेकर एक याचिका लंबित है। ऐसे में उचित होगा कि याचिकाकर्ता वही पर अपनी बात रखें।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

CJI ने कहा: "महाकुंभ में हुई भगदड़ दुर्भाग्यपूर्ण है और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है। लेकिन चूंकि इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मुद्दे पर पहले से सुनवाई चल रही है, इसलिए हम इस याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे।"

यूपी सरकार ने दी सफाई

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बताया गया कि इस मामले की जांच के लिए सरकार ने एक न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। सरकार ने कहा कि यह आयोग पूरे मामले की गहराई से जांच करेगा और भगदड़ के कारणों को उजागर कर प्रशासन को सुधारात्मक कदम उठाने की सिफारिश करेगा।

क्या है पूरा मामला?

महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालु संगम तट पर स्नान के लिए एकत्रित होते हैं। इसी दौरान एक अप्रत्याशित भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए। चश्मदीदों के अनुसार, भीड़ नियंत्रण में प्रशासन की विफलता मुख्य कारणों में से एक थी।

याचिकाकर्ता की मांग

याचिकाकर्ता ने PIL दाखिल कर देशभर में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश लागू करने की मांग की थी। इसके तहत सरकार से भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों को बेहतर करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की गई थी।

अब आगे क्या?

अब इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी। यूपी सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग से भी जल्द रिपोर्ट आने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि वह इस मामले में कोई दखल नहीं देगा और हाईकोर्ट में ही इसे सुना जाएगा।

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