Raipur News: रायपुर के फुटपाथ पर सजे दुकान में आपको 85 हजार की घड़ी 400 में, 25 हजार का इयरपॉड 500 रुपए में मिल जाएगा। जानकर हैरानी होगी लेकिन ये सच है..
Raipur News: जिस कंपनी के प्रोडक्ट की लॉचिंग के बाद खरीदी के लिए मुंबई से लेकर अमेरिका तक में लाइन लग जाती है। उसके स्टोर्स सिर्फ महानगरों में ही मिलते हैं, उस ब्रांड की मिसब्रांडिंग रायपुर की सडक़ोंं पर देखी गई। एनआईटी से 100 मीटर दूर गोलचौक वाली सडक़ पर फुटपाथ पर बैठी महिलाओं के हाथों में नामी कंपनी की स्मार्ट वॉच और इयर पॉड्स देखकर लोग रुक कर उन्हें देखने लगे।
उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि यह असली है या नकली, लेकिन जिस कीमत पर यह प्रोडक्ट मिल रहे थे। उसे सुनने के बाद लोगों ने बिना पूछे सिर्फ खरीदी की। 85 हजार एमआरपी वाली स्मार्ट वॉच 700 रुपए में और 24900 एमआरपी वाला इयरपॉड्स (इयर बड्स) सिर्फ 500 रुपए में। सडक़ पर भीड़ लग गई और 1000 से ज्यादा उत्पाद बिक गए।
गौर करने वाली बात यह रही कि प्रोडक्ट की पैकेजिंग में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की वेबसाइट के साथ ही हू-ब-हू नामी कंपनी के लोगों के साथ मैन्यूफैक्चरिंग मेड इन यूएसएस लिखा हुआ मिला। पत्रिका ने इस पूरे मामले में महिलाओं से बातचीत का वीडियो रिकॉर्डिंग की। महिलाओं ने बताया कि वे मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से पहुंची हैं। ये सामान बेंगलूरु से मिला है। वे अपने बच्चों के साथ यहां पहुंची है।
एक साल पहले भी रायपुर में इस तरह के सामानों की बिक्री हुई थी। महिलाओं से जब उनका आधार कार्ड पूछा गया तो उन्होंने कहा-अभी उनके पास नहीं है। उनके पीछे कौन है महिलाओं ने इस पर ठीक से जानकारी नहीं दी। महिलाओं ने मिसब्रांडिंग और कॉपीराइट एक्ट पर अनभिज्ञता जताई। पत्रिका ने पड़ताल में पाया कि जिस लिबास और देहाती भाषा में महिलाएं बात कर रही थी। उन्हें देखकर ऐसा लगा कि इस पूरे खेल में मास्टरमाइंड कोई और है, जो कि इन महिलाओं से यह काम करा रहा है।
पड़ताल में हमने पाया कि प्रोडक्ट के असली या नकली होना यह जांच का विषय है,लेकिन डिब्बे में जिस क्यूआर कोड का इस्तेमाल किया गया है। वह सीधे एप्पल के ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर खुलता है। यह भी आश्चर्यजनक रहा।
इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ एप्पल के डिस्ट्रीब्यूटर संदीप नामदेव ने कहा कि इसकी बिक्री रोकना हमारी नहीं बल्कि कंपनी की जिम्मेदारी है। उनसे जब पूछा गया कि क्या आप इस घटनाक्रम की जानकारी एप्पल कंपनी को दे सकते हैं, तो उन्होंने कहा कि नहीं हम इसके लिए भी अधिकृत नहीं है। उनसे फिर पूछा गया कि यदि यह प्रोडक्ट दुकान तक पहुंच जाए तो मिसब्रांङ्क्षडग के लिए जिम्मेदार कौन होगा? इस पर उन्होंने कहा कि कंपनी ने हमें कार्यवाही करने का अधिकार नहीं दिया है, जिसे शिकायत करनी होगी उसे कंपनी को ई-मेल करना होगा।
चार साल पहले बिलासपुर के तारबहार थाना क्षेत्र के अंतर्गत नामी कंपनी के डुुप्लीकेट एसेसरीज बेचने वाले 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया था,वहीं गोलबाजार थाने में शिकायत के बाद पुलिस टीम ने रवि भवन में छापेमारी करते हुए कार्रवाई की थी। यहां एडॉप्टर, नकली सामान, यूएसबी आदि सामान जब्त किया गया था।
छत्तीसगढ़ मोबाइल डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि इस तरह मिसब्रांडिंग, पैकेजिंग और हू-ब-हू प्रोडक्ट से लोगों को असली-नकली में फर्क करना मुश्किल हो जाता है। कंपनी को इस पूरे मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए।