Holistic Progress Card: रायपुर में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) स्कूलों में होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (एचपीसी) इम्प्लीमेंट कर दिया गया है।
Holistic Progress Card: अनुराग सिंह. छत्तीसगढ़ के रायपुर में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) स्कूलों में होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (एचपीसी) इम्प्लीमेंट कर दिया गया है। यानी की स्कूलों में इस साल से छात्रों के समग्र मूल्यांकन शुरू हो जाएगा। इसके लिए कई कंपनियों के एआई आधारित प्लेटफॉर्म भी सामने आ चुके है।
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जिसे देखते हुए स्कूल एआई-सक्षम प्लेटफॉर्म को भी लागू कर रहे है। एचपीसी का उद्देश्य छात्रों की प्रगति को ट्रैक करना और उनके सीखने के सफर को ज़्यादा प्रभावी बनाना है। यह पहल छात्रों में आत्म-विश्लेषण, रचनात्मक सोच और समग्र विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
होलीहार्ट स्कूल के प्रबंधक आशुतोष सिंह ने बताया कि नर्सरी से पांचवी तक की कक्षाओं में एचपीसी को इंप्लीमेंट किया जा रहा है। सीबीएसई द्वारा शिक्षकों की ट्रेनिंग पर जोर दिया जा रहा है। कई सकूल इसे शुरू भी कर चुके हैं।
प्रयास और सीखने पर ज़ोर: यह मूल्यांकन प्रणाली परीक्षा के दबाव को कम करने और सीखने की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करती है।
समग्र विकास: पढ़ाई के साथ-साथ खेल, कला और नैतिक मूल्यों को महत्व देकर छात्रों के संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास को बढ़ावा देना है।
निरंतर फीडबैक: छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और सहपाठियों की टिप्पणियों पर आधारित व्यापक फीडबैक प्रदान किया जाएगा। इससे सुधार की गुंजाइश बनी रहेगी।
आत्म-विश्लेषण को बढ़ावा: छात्र खुद को समझने और सुधारने की दिशा में सोचने के लिए प्रेरित होंगे।
बेहतर संवाद: इस प्रक्रिया से अभिभावक, शिक्षक और विद्यार्थी के बीच संवाद बेहतर होगा।
सीबीएसई का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस डिपार्टमेंट शिक्षकों के लिए होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड को लेकर लगातार ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित कर रहा है ताकि शिक्षक इसे सही तरीके से अपना सकें। जानकारी के अनुसार, प्रारंभिक चरण में कुछ स्कूलों में इसे लागू किया गया है और धीरे-धीरे पूरे देश में इसका विस्तार किया जाएगा। इस डाटा का उपयोग भविष्य में शिक्षा नीति में सुधार के लिए भी किया जाएगा।
होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड सीबीएसई द्वारा पिछले साल शुरू की गई एक समग्र मूल्यांकन प्रणाली है। इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप तैयार किया गया है। यह छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन के साथ उनके व्यवहार, नैतिक मूल्यों, रचनात्मकता, जीवन कौशल, खेलकूद और अन्य सह-पाठ्य गतिविधियों का भी 360-डिग्री मूल्यांकन करती है। पहले शिक्षकों को मूल्यांकन के बाद जानकारी रजिस्टर में भरनी पड़ती थी। अब, शिक्षक छात्रों की मूल्यांकन रिपोर्ट ऑनलाइन अपलोड करेंगे।